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जानिए, इनकम टैक्स और टीडीएस के बीच अंतर और उपयोग

आईटीआर बनाम टीडीएस: आयकर रिटर्न दाखिल करना प्रारम्भ हो चुका है. पहली बार टैक्स भरने वाले और युवा आईटीआर और टीडीएस के मतलब को लेकर असमंजस में हैं. इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर है इनकम टैक्स किसी कंपनी की वार्षिक कमाई पर लगाया जाने वाला कर है, जबकि टीडीएस कर चोरी को रोकने के लिए उपयोगी है. आइए जानते हैं दोनों के बीच अंतर…

आयकर क्या है?

किसी वित्तीय साल के दौरान किसी कंपनी या आदमी द्वारा दर्ज की गई कुल वार्षिक कमाई पर लगाया गया कर इनकम टैक्स कहलाता है. जिसमें आय के सभी साधन शामिल हैं जैसे वेतन, गृह संपत्ति से आय, व्यवसाय या पेशे से फायदा और पूंजीगत लाभ. केंद्र गवर्नमेंट की ओर से जारी बजट के मुताबिक, पुरानी कर प्रणाली में रु 2.5 लाख और नयी कर प्रबंध में रु 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता इसके बाद बढ़ी हुई कमाई पर टैक्स देना होता है

टीडीएस क्या है?

स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) आय के साधन से अग्रिम रूप से काटा गया कर है और सीधे गवर्नमेंट को भेजा जाता है. टीडीएस के तहत, वेतन, ब्याज, किराया या व्यावसायिक शुल्क जैसे कुछ भुगतान करने वाले व्यक्तियों या संगठनों को भुगतान करने से पहले एक निश्चित फीसदी कर का भुगतान करना पड़ता है. जो कर चोरी को रोकने और कर संग्रह प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरी है.

आयकर और टीडीएस के बीच अंतर

–  टीडीएस साल के दौरान आय से लगातार कटौती है, जबकि इनकम टैक्स साल के अंत में देय होता है.

–  वित्तीय संस्थानों या नियोक्ता द्वारा वेतन या भुगतान से पहले टीडीएस काटा जाता है, जबकि इनकम टैक्स का भुगतान कर देनदारी निर्धारित करने के बाद करदाताओं द्वारा किया जाता है.

–  टीडीएस टैक्स की रेट गवर्नमेंट द्वारा तय की जाती है, जिसका भुगतान सीधे सरकारी खजाने में जाता है. जबकि इनकम टैक्स कानून के अनुसार तैयार इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक लगाया जाता है.

–  टीडीएस वेतन, ब्याज, किराया, पेशेवर शुल्क सहित भुगतान पर लागू होता है. जबकि आयकर कुल वार्षिक आय पर लगाया जाता है.

टीडीएस रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं

यदि आपके वेतन से टीडीएस काटा जाता है, तो आप वित्तीय साल के अंत में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय टीडीएस रिफंड का दावा कर सकते हैं. ज्यादातर मामलों में सैलरी से काटे गए टीडीएस पर रिफंड संभव है. इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के अनुसार अधिकतम रु 1.50 लाख तक टीडीएस रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं. यदि टीडीएस कटौती टैक्स देनदारी से अधिक है तो आप टीडीएस रिफंड पा सकते हैं.

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