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AI लगभग 84 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को खा सकता है- स्टडी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से अब दुनिया का लगभग हर शख्स वाकिफ है. जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह कृत्रिम बुद्धि है जिसकी अपनी एक समझ है, लेकिन यह प्रोग्रामिंग के अनुसार काम करती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है जो कहती है कि AI लगभग 84 फीसदी सरकारी नौकरियों को खा सकता है! आइए जानते हैं क्या कहती है ये रिपोर्ट.

The Alan Turing Institute की ओर से एक अध्ययन किया गया है. यह अध्ययन यूके में हुआ है. जहां पर इंस्टीट्यूट ने गवर्नमेंट की 201 ऐसी सर्विसेज के बारे में स्टडी की जिनमें गवर्नमेंट और नागरिकों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि ये सर्विसेज ऐसी हैं कि इनमें मानव हस्तक्षेप न भी हो, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. यानी इन सर्विसेज को AI के हवाले भी किया जा सकता है. उदाहरण के लिए पासपोर्ट की प्रोसेसिंग, और वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन आदि सर्विसेज में वो आसार छुपी है कि इनको ऑटोमेटेड मोड यानी स्वचालन मोड में भी चलाया जा सकता है.

स्टडी कहती है कि AI ने हरेक मिनट लेंन-देंन में समय को कम कर दिया जिससे कि मानव स्टाफ के हजारों घंटों के समय को बचाया जा सकता है. साथ ही स्वचालन के आने से अधिकारी कभी न समाप्त होने वाली नौकरशाही से आजाद हो सकते हैं और पब्लिक के साथ डीलिंग करने में अधिक समय दे सकते हैं.

The Alan Turing Institute में सार्वजनिक सेवाओं और औनलाइन सुरक्षा के लिए AI के हेड डाक्टर जोनाथन ब्राइट ने बोला कि AI में सरकारों को अधिक रेस्पॉन्सिव, कुशल और निष्पक्ष बनाने में सहायता करने की अपार क्षमता है. यदि AI प्रति लेंन-देंन 1 मिनट भी बचाता है तो वर्ष में यह समय हजारों घंटों की बचत के रूप में सामने आएगा. लेकिन साथ में यह भी बोला गया है कि AI के साथ यदि एक उत्तरदायी और परफेक्ट स्वचालन को लागू करना है तो इसके लिए AI के साथ अभी बहुत अधिक मेहनत करनी होगी. लेकिन यह समय जो AI में दिया जाएगा यह भविष्य में दोगुना फायदा लेकर आएगा.

स्टडी में यूके गवर्नमेंट के कामकाज को लेकर जो अध्ययन किया गया, उसमें पाया गया कि सरकारी सर्विसेज में उन सभी सर्विसेज को स्वचालित किया जा सकता है जो कि लगभग 14.3 करोड़ लेंन-देंन करती हैं. और ये लेंन-देंन रिपीट करते हैं. यानी बार बार लेंन-देंन को दोहराया जाता है. ऐसे में सर्विस पर ऑटोमेशन लागू कर दिया जाए तो लेंन-देंन के लिए मानव हस्तक्षेप समाप्त हो सकता है.

जनवरी में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की चीफ क्रिस्टेलिना ज्योर्जिवा ने बोला था कि AI पूरे विश्व में नौकरी सिक्योरिटी के लिए बड़ा रिस्क पैदा करने वाला है. लेकिन इसमें अपार अवसर भी हैं जिससे कि प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है और ग्लोबल ग्रोथ को बूस्ट दिया जा सकता है. ज्योर्जिवा ने बोला था कि AI पूरे विश्व में 60 फीसदी जॉब्स को प्रभावित कर सकता है.
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