60 रुपए महीना की नौकरी से की शुरुआत, 1 गलती से पाई पाई को मोहताज हुए एक्टर
नई दिल्ली। फिल्म इंडस्ट्री के वो कद्दावर अदाकार जिन्होंने करियर की आरंभ में छोटे रोल के जरिए अपनी पहचान बनाई, लेकिन जब इंडस्ट्री में छाए तो ऐसे छाए कि लगातार कई हिट फिल्मों में काम किया। हालांकि उनके पिता नहीं चाहते थे। फिर भी वह अभिनय की दुनिया में आए और अपनी अलग पहचान बनाई।
हम यहां जिस अभिनेता की बात कर रहे हैं उनके पिता रायबहादुर मोतीलाल पेशे से वकील थे। वह कभी नहीं चाहते थे कि उनका बेटा अभिनय की दुनिया में कदम रखे। लेकिन उनकी किस्मत में तो अभिनेता बनना लिखा था और वह बने अपने दौर में उन्होंने वर्षों तक इंडस्ट्री पर राज किया। लेकिन एक गलती ने उनका बना बनाया करियर तबाब कर दिय। एक झटके में अभिनेता का करियर अर्श से फर्श तक पर आ गया।
एक्टिंग की खातिर जब आ पहुंचे थे मुंबई
हिंदी सिनेमा जगत के वो कद्दावर अदाकार कोई और नहीं हिंदुस्तान भूषण थे। अपनी पढ़ाई पूरी करते ही वह मुंबई चले आए थे। हालांकि यहां उन्होंने आरंभ में संघर्ष किया था। लेकिन डायरेक्टर महबूब खान की सिफारिश पर वह डायरेक्टर रामेश्वर शर्मा से मिले जो उस समय फिल्म ‘भक्त कबीर’ पर काम कर रहे थे। इसके बाद रामेश्वर ने उन्हें फिल्म में काशी नरेश का रोल भी दिया और 60 रुपए महीना की जॉब भी दे दी। इसी तरह उनके सिने करियर की आरंभ हुई थी।
भाई की वजह से बर्बाद हुआ करियर
भारत भूषण ने अपने करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया। 50-60 के दशक में तो वह स्टारडम के ऐसे दौर में थे जब वह राज कपूर और दिलीप कुमार को भी भिड़न्त दे रहे थे। एक समय के बाद तो वह इंडस्ट्री के बड़े स्टार बन गए थे। अपने करियर में कई यादगार फिल्में देने के बाद उन्होंने अपने करियर में अपने भाई के कहने पर ऐसी गलती की जिसके बाद उनका करियर बर्बाद हो गया था।
जब पाई-पाई को हो गए थे मोहताज
अपने करियर के पीक पर हिंदुस्तान ने अपने बड़े भाई रमेश की बात मानकर फिल्में प्रोड्यूसर करने को बड़ा कदम उठाया। अपने दौर में उन्होंने कई फिल्में प्रोड्यूस भी कीं। जिनमें उनकी दो फिल्में बसंत बहार और बरसात की रात सुपरहिट भी हुईं। हिंदुस्तान अब फिल्मी दुनिया में बड़ा नाम बन चुके थे। लेकिन अफसोस कि बाद में उन्होंने जितनी भी फिल्में बनाईं वो सब फ्लॉप होने लगी और उनकी जीवन में एक समय ऐसा भी आया जब हिंदुस्तान भूषण ऋण में डूब गए और पाई-पाई को मोहताज हो गए।