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मां की चुनरी, नानी का हार पहनकर कृति ने पूरा किया बचपन का सपना

बॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड विवाह में से एक पुलकित सम्राट और कृति खरबंदा की विवाह थी. दोनों से अक्सर प्रश्न किया जाता था कि वो विवाह कब कर रहे हैं? फैंस के इन प्रश्नों का उत्तर दोनों ने सात फेरे लेकर दे दिया है. दोनों ने बहुत बढ़िया ढंग से विवाह की. इसकी फोटोज़ भी उन्होंने दुनिया को दिखाई. विवाह की भिन्न-भिन्न रस्मों की फोटोज़ भी कपल अपने फैंस को दिखा रहा है. वर्षों तक डेट करने के बाद आखिर दोनों दंपती बन गए हैं. हाल में ही अब कृति खरबंदा ने अपनी चूड़ा और कलीरा सेरेमनी की फोटोज़ दिखाई हैं.

कृति ने पूरा किया बचपन का सपना

इन तस्वीरों में वो पैरेट ग्रीन कलर की साड़ी पहने नजर आ रही हैं. उन्होंने मिनिमल मेकअप और ज्वेलरी लुक रखा है. अदाकारा ने गले में गोल्ड नेकलेस और सिर पर लाल चुनरी कैरी की है. अदाकारा ने अपने इस लुक बारीकियों के बारे में भी कहा है. अपने इस लुक को और भी अधिक खूबसूरत बनाने के लिए उन्होंने मम्मी और नानी की खास चीजों के अपने आउटफिट के साथ पेयर किया. अदाकारा ने कहा कि ऐसा करना उनके बचपन का सपना था, जिसे उन्होंने अब पूरा कर लिया है. वैसे हर फंक्शन में कृति और पुलकित साथ नजर आए, लेकिन चूड़ा में उनके उपस्थित न रहने की वजह भी अदाकारा ने साझा की है.

मां की चुनरी और नानी के हार में गजब लगीं कृति

शादी से ठीक पहले हुई चूड़ा और कलीरा सेरेमनी की फोटोज़ पोस्ट करते हुए कृति खरबंदा प्यारा सा कैप्शन लिखा है. इस कैप्शन में उन्होंने लिखा, ‘नानी मां का हार और मां की विवाह का दुपट्टा, बॉयफ्रेंड या प्रपोजल होने से पहले ही मुझे विश्वास था कि मैं चूड़ा कार्यक्रम के दौरान दो चीजें पहनूंगी. बचपन का सपना था. वह एक जादुई सुबह थी. भावनाओं में बहकर मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था क्योंकि पुलकित और मुझे फेरे से पहले एक-दूसरे से मिलने या देखने की अनुमति नहीं थी. हालांकि हमने चीजें अपने ढंग से कीं, कुछ चीजें अभी भी पुरानी शैली की थीं. काश वह भी इस पल का हिस्सा होता, लेकिन जब उसने पहली बार ये फोटोज़ देखीं तो मुझे उसके चेहरे का रेट बहुत पसंद आया और मैं अभिभूत हो गई.

चूड़े का रंग भी है कृति के लिए खास

एक्ट्रेस ने खास तौर पर लाल चूड़ा चुना और कलीरे चुनने में भी खास बातों का ध्यान अपनी पसंद के मुताबिक रखा. इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘लाल चूड़ा और पारंपरिक कलीरे पर भी समझौता नहीं किया जा सकता था. जिन लोगों ने मुझे समझाने की प्रयास की, वो ज्यादातर गलत ही थे, लेकिन मुझे बहुत खुशी है कि मैं जो करना चाहती थी उस पर कायम रही और पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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