स्वास्थ्य

राजस्थान में फैली मम्प्स नाम की बीमारी, बच्चों का रखें खास ध्यान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए बच्चों और व्यस्कों में होने वाले मम्प्स संक्रामक बीमारी के प्रसार पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में मम्पस बीमारी के कुछ केसेज सामने आए हैं गले में दर्द, सूजन और अन्य शारीरिक कमजोरी के लक्षणों वाले इस बीमारी पर समय पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर चिकित्सा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है

जनस्वास्थ्य निदेशक डाक्टर रवि प्रकाश माथुर ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ऑफिसरों तथा प्रमुख चिकित्सा ऑफिसरों को गाइडलाइन के अनुसार जरूरी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं उन्होंने कहा कि मम्प्स एक संक्रामक बीमारी है, जो कि संक्रमित आदमी द्वारा खांसने, छींकते और लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ आदमी तक सरलता से फैलता है इसके नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए मम्पस संक्रमण के लक्षणों की पहचान, बचाव और शीघ्र चिकित्सकीय उपचार-परामर्श जरूरी है

जनस्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि मम्पस संक्रमण के मुख्य लक्षणों में गले में लार ग्रंथि में 1 से 3 दिनों तक दर्द, सूजन साथ ही मांसपेशियों में दर्द और सूजन एवं भूख में कमी शामिल हैं इन लक्षणों के महसूस होते ही बीमार को तुरंत नजदीकी अस्पताल में उपचार-परामर्श लेने की राय दी जाती है मम्प्स संक्रमण से बचाव के लिए एक स्वस्थ आदमी को ऐसे लक्षणों वाले आदमी से मुनासिब दूरी बनाये रखना जरूरी है

मम्प्स बीमारी संक्रमण के लक्षण बीमार के सम्पर्क में आने के बाद 2 से 3 हफ्ते में प्रकट होते हैं और 10 से 14 दिनों तक बीमार को प्रभावित करते हैं इस बीमारी के होने पर बीमार में अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है साथ ही, असाधारण स्थितियों में कुछ दुर्लभ केसेज में बहरापन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है उन्होंने मम्प्स संक्रमण से ग्रसित आदमी को अन्य व्यक्तियों से दूरी बनाए रखने एवं घर पर आराम करने की अपील की है

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