स्वास्थ्य

शुगर और कैंसर जैसी बीमारी को न्योता देती है ये आदत

रांची अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग दोपहर में खाना खाने के बाद एक-दो घंटे की अच्छी नींद लेते हैं वहीं कुछ ऐसे हैं जो दिन में तीन-चार घंटे सोना पसंद करते हैं कई विद्यार्थी जो रातभर पढ़ते हैं, वो दिन में 5-6 घंटे की नींद लेते हैं लेकिन, क्या ऐसा करना ठीक है? आयुर्वेदिक चिकित्सक ने कहा कि दिन में सोना आयुर्वेद के हिसाब से काफी नुकसानदायक है ये आदत शुगर और कैंसर जैसी रोग को न्योता देती है

झारखंड की राजधानी रांची के आयुर्वेदिक डाक्टर वीके पांडे (विनोबा भावे यूनिवर्सिटी से BAMS और 25 साल से अधिक का अनुभव) ने Local 18 को कहा कि दिन में सोना आयुर्वेद के हिसाब से एकदम गलत है आप आधे घंटे तक खाने के बाद रेस्ट जरूर कर सकते हैं लेकिन आधे घंटे के बाद यदि आप 10 मिनट भी अधिक सोते हैं तो आपकी स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है इसके पीछे बड़ी वजह है

क्या होता है दिन में सोने सोने से?
डॉ वीके पांडे ने Local 18 को कहा कि आयुर्वेद में लोगों को प्रकृति के हिसाब से चलने की राय दी गई है दिन का मतलब है कि आपको जागना है और काम करना है रात का मतलब है आपको सोना है, जो प्रकृति के साइकिल से छेड़छाड़ करता है, समझ जाइए वह रोग को न्योता ही देगा क्योंकि, दिन में पित्त (शरीर का अग्नि तत्व) अपने चरम पर रहता है

इसलिए नहीं सोना चाहिए
डॉक्टर ने आगे कहा कि ऐसे में जब दिन में सोते हैं तो शरीर में पित्त अनबैलेंस हो जाता है दिन में अग्नि तत्व हावी होता है, इसलिए आप काम कर पाएं काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है और आप उस समय जब सोते हैं तो यह ऊर्जा शरीर में अनबैलेंस हो जाती है इसका असर सीधे लीवर पर आता है क्योंकि, यह ऊर्जा लीवर से ही मिलती है आपको खाना पचाने में परेशानी होगी कब्ज और एसिडिटी से परेशान हो सकते हैं

होती हैं गंभीर बीमारियां
साथ ही, कोई आदमी रात भर जागता है तो उसके शरीर में कफ अनबैलेंस होता है कफ बैलेंस बिगड़ते ही आपको सर्दी-खांसी-जुकाम, हर समय सिर में दर्द रहना, चिड़चिड़ापन होना जैसी परेशानी होती है यदि ऐसी दिनचर्या लंबे समय तक आदमी फॉलो करेगा तो उसमें शुगर और आगे चलकर कैंसर और मोटापा जैसी रोग हो सकती है क्योंकि यह आपकी बॉडी सेल को प्रभावित करता है उन्होंने आगे कहा कि प्रयास करें दोपहर में भोजन करने के बाद मात्र आधा घंटा रेस्ट करें, इससे अधिक नहीं

 

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