दिल की घातक एक्टिविटी का पता लगाएगा AI टूल
दिल की घबराहट, सीने में अचानक होने वाला तेज दर्द, ये वो लक्षण हैं जो हर किसी को डरा देते हैं। कई बार तो ये किसी बड़ी रोग का संकेत भी हो सकते हैं, खासकर दिल की धड़कन का असामान्य होना। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उपकरण विकसित किया है, जो केवल ईसीजी टेस्ट के जरिए ही 80 फीसदी सटीकता के साथ बता सकता है कि किसी आदमी को भविष्य में जानलेवा दिल की धड़कन का खतरा है या नहीं।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने AI का एक ऐसा नया टूल विकसित किया है, जो 80 फीसदी सटीकता के साथ किसी आदमी में दिल की अनियमित धड़कन (वेंट्रिकुलर एरिथमिया) के खतरे की भविष्यवाणी कर सकता है। वेंट्रिकुलर एरिथमिया एक ऐसी स्थिति है, जहां दिल के निचले कक्षों (वेंट्रिकल्स) में अनियमित एक्टिविटी होती है। इससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, जिससे बेहोशी और यदि तुरंत उपचार न मिले तो अचानक मृत्यु भी हो सकती है।
यूके के लीसेस्टर यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में एक टीम द्वारा विकसित इस एआई टूल को VA-ResNet-50 नाम दिया गया है। यूरोपियन हार्ट जर्नल-डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित उनकी इस स्टडी में, 270 वयस्कों के ईसीजी की जांच के लिए इस टूल का इस्तेमाल किया गया। ये ईसीजी 2014 से 2022 के बीच लोगों की डेली रूटीन के दौरान उनके घरों में ही लिए गए थे।
अध्ययन का क्या निकला रिजल्ट
इन 270 लोगों में से लगभग 159 को ईसीजी के औसतन 1.6 वर्ष बाद खतरनाक वेंट्रिकुलर एरिथमिया का सामना करना पड़ा था। VA-ResNet-50 को रेट्रस्पेक्टिव (अतीत में जो हुआ उसके प्रति सचेत रहना) इस्तेमाल करते हुए ‘मरीज के लिए सामान्य’ दिल की गति की जांच की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उनका दिल खतरनाक एरिथमिया का खतरा रखता है। पांच में से चार मामलों में, एआई टूल ने ठीक ढंग से भविष्यवाणी की कि किस रोगी के दिल में वेंट्रिकुलर एरिथमिया का खतरा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
यूनिवर्सिटी में कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के प्रोफेसर आंद्रे नग का बोलना है कि आज की क्लीनिकल गाइडलाइन, जो यह तय करने में हमारी सहायता करते हैं कि कौन से रोगियों में वेंट्रिकुलर एरिथमिया का सबसे अधिक खतरा है और किसे लाइफ-सेविंग इलाज, जैसे कि इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर से सबसे अधिक लाभ होगा, वो पर्याप्त रूप से परफेक्ट नहीं हैं। इससे इस स्थिति से होने वाली मौतों की संख्या काफी अधिक हो जाती है।
उन्होंने आगे बोला कि अहम बात यह है कि यदि टूल किसी आदमी को खतरे में बताता है, तो खतरनाक घटना का खतरा सामान्य वयस्कों की तुलना में तीन गुना अधिक होता है। रोगियों के इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की जांच में AI का इस्तेमाल करना, तो उनके जोखिम को निर्धारित करने और मुनासिब इलाज का सुझाव देने का एक नया तरीका प्रदान करता है और जान बचाता है।