स्वास्थ्य

जोड़ों का दर्द और अकड़पन को न करे नजरअंदाज, वरना बढ़ सकता है खतरा

जोड़ों के दर्द के मामलों में वृद्धि हुई है Cases of joint pain have increased

मणिपाल अस्पताल, नयी दिल्ली के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट (Joint replacement) सर्जन डाक्टर राजीव वर्मा ने आईएएनएस को कहा कि हालांकि जोड़ों के दर्द के मामलों में गौरतलब वृद्धि हुई है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे उम्र बढ़ने का हिस्सा मानते हुए इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे आगे जटिलताएं बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.

उन्होंने कहा, “ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) अक्सर धीरे-धीरे विकसित होता है. सुबह के समय या तेज शारीरिक गतिविधियों के बाद होने वाले हल्के दर्द और अकड़न को उम्र बढ़ने का सामान्य लक्षण न समझें. इस स्थिति को कारगर ढंग से प्रबंधित करने और अपनी गतिशीलता को बनाए रखने के लिए जल्द पता लगाना और हस्तक्षेप जरूरी है.

शुरुआती चरणों में दर्द, सूजन और जोड़ों की जकड़न होती है In the initial stages there is pain, swelling and joint stiffness

डॉक्टर ने बोला कि शुरुआती चरणों में दर्द, सूजन और जोड़ों की जकड़न खास समय तक ही सीमित रहती है, जैसे कि सुबह शीघ्र या उच्च असर वाली शारीरिक गतिविधियों के बाद. लेकिन जैसे-जैसे यह स्थिति बढ़ती है, तो रोगी को आराम करने पर या घर के साधारण कामों में भी दर्द का अनुभव हो सकता है.

गंभीर मामलों में जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी ही अंतिम तरीका In serious cases, joint replacement surgery is the last resort.

डॉ वर्मा ने कहा, “भारत में यह रोग एक चुनौती बनी हुई है क्योंकि रोगी अक्सर तब डॉक्टरों के पास जाते हैं, जब जोड़ों को काफी हानि हो चुका होता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) एक प्रगतिशील स्थिति है, इसलिए गंभीर मामलों में, जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के बिना हुए हानि को ठीक करना असंभव होता है.

संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें Eat a balanced diet and exercise regularly

मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली के ऑर्थोपेडिक्स और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डाक्टर अखिलेश यादव ने आईए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार (Balanced diet) लें, स्वस्थ वजन बनाए रखें, मांसपेशियों को मजबूत करने और जोड़ों के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए (Exercise regularly) नियमित व्यायाम करें, जोड़ों की चोटों को रोकें, और दैनिक कार्यों को करते समय अच्छे एर्गोनॉमिक्स का इस्तेमाल करें.

उन्होंने बोला कि मर्दों की तुलना में स्त्रियों में, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद, इस रोग का खतरा अधिक होता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button