स्वास्थ्य

कार्डियक अरेस्ट से हुई मुख्तार अंसारी की मौत, जानिए हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर

Heart Attack Vs Cardiac Arrest: कारावास में बंद माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात कार्डियक अरेस्ट की वजह से मृत्यु हो गई उत्तर प्रदेश के बांदा मेडिकल कॉलेज की तरफ से जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन में इस बात की जानकारी दी गई पहले बोला जा रहा था कि मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक आया था, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई हालांकि डॉक्टर्स ने साफ कर दिया कि मृत्यु कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई अब अनेक लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर होता है क्या दोनों ही कंडीशन जानलेवा होती हैं? चलिए इस बारे में हार्ट के चिकित्सक से विस्तार से जान लेते हैं

नई दिल्ली के शालीमार बाग स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डाक्टर नित्यानंद त्रिपाठी ने मीडिया को कहा कि हार्ट एक पंपिंग मशीन की तरह होता है, जो शरीर में सही खून को पंप करता है इससे पूरे शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन मिलती है जब पूरे शरीर से गलत खून हार्ट में पहुंचता है, तो यह कोरोनरी आर्टरी के माध्यम से यहां तक पहुंचता है कोरोनरी आर्टरीज के किसी खास हिस्से में जब कोलेस्ट्रॉल की परत जमा होने लगती है तो आर्टरीज में ब्लॉकेज होने लगती है इस कंडीशन में खून हार्ट की तरफ नहीं पहुंचता है या कम पहुंचता है इस कंडीशन में हार्ट अटैक आ सकता है हालांकि समय रहते चिकित्सक के पास जाने से इस ब्लॉकेज को खोला जा सकता है

कार्डियोलॉजिस्ट की मानें तो कार्डियक अरेस्ट अचानक पैदा होने वाली मेडिकल आपातकालीन है, जिसमें आदमी के हार्ट में इलेक्ट्रिकल गड़बड़ियां हो जाती हैं इसमें हार्ट बीट बहुत तेज हो जाती है और अचानक हार्ट काम करना बंद कर देता है इस कंडीशन में अधिकांश लोगों की मृत्यु कुछ ही मिनट में हो जाती है आर्टरीज में ब्लॉकेज या नसों के बहुत पतले होने की वजह से भी कभी-कभी हार्ट काम करना बंद कर देता है और कार्डियक अरेस्ट की नौबत आ जाती है कार्डियक अरेस्ट होने पर रोगी को तुरंत उपचार मिल जाए, तो कुछ मामलों में रोगी बच जाता है हालांकि बचने की आसार बहुत कम होती है इसलिए इस कंडीशन को जानलेवा माना जाता है

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के साथ लोग स्ट्रोक को भी जोड़ देते हैं कार्डियोलॉजिस्ट बताते हैं कि स्ट्रोक भी खून की सप्लाई में रुकावट से पैदा होने वाली कंडीशन है आमतौर पर हार्ट से खून शरीर के सभी अंगों में पहुंचता है सबसे अधिक सप्लाई ब्रेन में होती है जब किसी वजह से ब्रेन तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है, तब स्ट्रोक आ जाता है सरल भाषा में कहें तो जब दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजनेटेड खून नहीं मिल पाता है, तो ब्रेन की कोशिकाएं डेड होने लगती हैं और इससे स्ट्रोक आ जाता है स्ट्रोक की वजह से लोगों के शरीर का आधा हिस्सा लकवाग्रस्त हो जाता है हालांकि स्ट्रोक के 3-4 घंटों के अंदर उपचार प्रारम्भ हो जाए, तो इसे पूरी तरह रिवर्स किया जा सकता है

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