अल्ट्रावायलेट लाइट से बढ़ रहा है स्किन कैंसर
Skin Cancer: स्किन कैंसर आज के समय में एक गंभीर परेशानी है। हालांकि लोग आरंभ के दिनों में इसे समझ नहीं पाते हैं, जिसके कारण यह धीरे-धीरे विकराल रूप ले लेता है। स्किन कैंसर कई कारण से हो सकता है। इसमें से एक मुख्य कारण अधिक समय तक धूप में रहना भी है। दरअसल स्किन कैंसर की शुरुआती लक्षण भिन्न-भिन्न लोगों में भिन्न-भिन्न होते हैं। आज हम इसी विषय पर चिकित्सक आर।के चतुर्वेदी (कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन) से विस्तार से जानेंगे…।
स्किन कैंसर क्या है?
आज के समय में स्किन कैंसर एक गंभीर विषय है। स्किन कैंसर तब होता है जब हम अल्ट्रावायलेट लाइट के संपर्क में आते हैं। कैंसर पर रिसर्च करने वाली एक एंजेंसी के मुताबिक वर्ष 2020 में स्किन कैंसर से करीब 57,000 लोगों की जान गई थी। इसलिए प्रयास करें कि सीधे सूरज के संपर्क में न आएं।
स्किन कैंसर के लक्षण
डॉक्टर आर।के चतुर्वेदी बताते हैं कि स्किन कैंसर की शुरुआती लक्षण भिन्न-भिन्न लोगों में भिन्न-भिन्न ढंग से पाया जाता है। लेकिन सभी को इससे जुड़ी बेसिक बातों को जानना बहुत महत्वपूर्ण है। कभी-कभी यह देखने को मिलता है कि एक छोटा सा मुंहासा भी स्किन कैंसर का रूप ले सकता है। आरंभ के दिनों में लोग मुंहासे को इग्नोर कर देते हैं। लेकिन धीरे-धीरे यह मुंहासा बढ़ता जाता है और उसमें दर्द के साथ-साथ उसका साइज और कलर भी बदलता रहा है। यह कलर किसी भी रंग का हो सकता है। यह भी स्किन कैंसर का एक शुरुआती लक्षण है। इसके अतिरिक्त स्किन कैंसर का दूसरा लक्षण ऐसे समझा जाए कि यदि आपके शरीर में कोई मस्सा है और वह अचानक बढ़ने लगा हो लेकिन दर्द नहीं हो रहा है लेकिन उसमें से मवाद निकलने लगा है तो यह भी स्किन कैंसर का एक लक्षण है। इसके साथ ही यदि मस्सा है और वह बिल्कुल नार्मल था और अचानक बढ़ गया है साथ ही उसमें दर्द भी होने लगा है तो यह भी स्किन कैंसर का एक लक्षण है।
किन लोगों को स्किन का खतरा सबसे अधिक होता है?
स्किन कैंसर का खतरा सबसे अधिक गोरे लोगों में होता है। स्किन कैंसर का सबसे बड़ा कारण सूरज से निकलने वाले अल्ट्रा वायलेट रेय्ज है। यह जितना आपके शरीर में पड़ेगा तो इससे डीएनए में चेंज होगा और इससे स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
स्किन कैंसर का इलाज
स्किन कैंसर का उपचार लेजर से भी किया जाता है। यह निर्भर करता है कि किस तरह का कैंसर है।स्किन कैंसर स्क्वैमस सेल, कार्सिनोमा यदि ब्लड तक आ जाता है तो उस आदमी का बचना असंभव है। आमतौर पर स्किन कैंसर का उपचार रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी से किया जाता है।