स्वास्थ्य

World Liver Day 2024: डायबिटीज रोगियों में लिवर कैंसर का खतरा अधिक

कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, इस बीमारी को बहुत घातक माना जाता है. हर वर्ष पूरे विश्व में लाखों लोग कैंसर का शिकार होते हैं और इसकी मृत्युदर भी काफी अधिक रही है. लिवर कैंसर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा रहा है. अध्ययनकर्ताओं ने कहा लाइफस्टाइल की कुछ गड़बड़ आदतें लिवर की समस्याओं, यहां तक कि लिवर कैंसर का भी कारण बन सकती हैं.

लिवर से संबंधित अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को लेकर लोगों को सतर्क करने और इससे बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है. स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, लिवर में होने वाला कैंसर पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ा है, इससे बचाव को लेकर सभी लोगों को लगातार कोशिश करते रहना चाहिए.

लिवर में होने वाला कैंसर

लिवर कैंसर, लिवर की कोशिकाओं में प्रारम्भ होता है. लिवर कैंसर का सबसे आम प्रकार हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा है, जो मुख्य प्रकार की लिवर कोशिका (हेपेटोसाइट) में होता है.

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, लिवर कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव के कारण इसमें कैंसर हो सकता है. क्रोनिक हेपेटाइटिस संक्रमण या लिवर में लंबे समय से बनी हुई कुछ प्रकार की रोंगों के कारण भी कैंसर विकसित होने का खतरा रहता है. लेकिन कभी-कभी लिवर कैंसर उन लोगों में भी हो सकता है जिन्हें कोई अंतर्निहित रोग नहीं होती.

क्या है लिवर कैंसर की पहचान?

अधिकांश लोगों में प्राथमिक स्थिति में लिवर कैंसर के कोई संकेत या लक्षण नहीं होते हैं. आपको पाचन से संबंधित कुछ समस्याएं जरूर होती रह सकती है हालांकि जैसे-जैसे कैंसर कोशिकाएं बढ़ती जाती हैं इसके लक्षण अधिक साफ होने लगते हैं. बिना कोशिश के वजन कम होना, भूख न लगना,  पेट में दर्द, मतली और उल्टी, कमजोरी और थकान बने रहना, पीलिया की परेशानी बार-बार होते रहना भी लिवर कैंसर का शुरुआती संकेत माना जाता है.

किन लोगों में इसका खतरा अधिक

स्वास्थ्य जानकार कहते हैं जिन लोगों को हेपेटाइटिस-बी या हेपेटाइटिस सी वायरस का दीर्घकालिक संक्रमण रहा है उनमें लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. सिरोसिस जैसी बीमारियां भी इसके जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं. इसके अतिरिक्त बार-बार फैटी लिवर की परेशानी होते रहना, शराब का सेवन भी आपको लिवर कैंसर का शिकार बना सकता है.

अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें और भी सावधानी बरतने की जरूरत है, ऐसे लोगों में लिवर के कैंसर का खतरा समय के साथ बढ़ सकता है.

डायबिटीज मरीजों में कैंसर

अध्ययन से पता चलता है कि टाइप 1 और टाइप-2 दोनों प्रकार के डायबिटीज मरीजों में लिवर कैंसर विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है. ऐसे लोगों में, बिना मधुमेह वाले लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा दो से तीन गुना अधिक देखा गया है. यदि मधुमेह ठीक से नियंत्रित नहीं रहता है तो जोखिम और भी बढ़ जाता है.

हाई ब्लड शुगर की स्थिति में शरीर में कोशिकाओं को ईंधन देने के लिए जरूरत से अधिक ग्लूकोज हो जाता है. अतिरिक्त ग्लूकोज के ऑक्सीकरण के दौरान नुकसानदायक रसायन और फ्री रेडिकल्स रिलीज होते हैं जिससे लिवर कोशिकाओं में कैंसर विकसित होने का जोखिम अधिक बढ़ सकता है.

 

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