कंगाल पाकिस्तान को बचाने की खाई कसम, बिना सैलरी कर रहे काम
पाक लंबे समय से भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. आतंकवादी देश पाक की हालत ये हो गई है कि पीएम शहबाज को गवर्नमेंट चलाना कठिन हो रहा है. महंगाई चरम पर है और लोगों के लिए दो समय का खाना पहाड़ चढ़ने जैसा काम हो गया है. इस बुरे समय में शहबाज दो दिन पहले सऊदी अरब का दौरा करके आर्थिक सहायता की अपील कर चुके हैं. दूसरी तरफ आम चुनाव के बाद पाक को मोहम्मद औरंगजेब के रूप में नया वित्त मंत्री मिला है. उन्होंने पाक को इस संकट से उबारने की कसम खाई है. औरंगजेब सिंगापुर में बैंक की आरामदायक जॉब छोड़कर पाक में बिना सैलरी काम कर रहे हैं.
पाकिस्तान अपने सबसे खराब आर्थिक संकटों में से एक का सामना कर रहा है. पड़ोसी राष्ट्रों के साथ खराब राजनयिक संबंधों और आतंकवाद से जूझ रहे पाक के सामने स्वयं को खड़ा करने की बड़ी चुनौती है. आसमान छूती महंगाई, अवरुद्ध हो चुके विकास कार्य और जनता में असंतोष की भावना फैली हुई है. दिवालिया से स्वयं को बचाने के लिए पाकिस्तानी गवर्नमेंट मुसलमान राष्ट्रों और आईएमएफ से आर्थिक मदद की गुहार लगा रही है. इस विकट हालात के बीच मोहम्मद औरंगजेब ने पाक में वित्त की कमान संभाली है. जिसकी पूरे राष्ट्र में चर्चा है. पाकिस्तानी गवर्नमेंट को विश्वास है कि औरंगजेब पाक को इस संकट से उबार लेंगे.
कौन हैं मोहम्मद औरंगजेब
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, औरंगजेब लाहौर के एक संपन्न परिवार से आते हैं. वह राष्ट्र के प्रतिष्ठित एचिसन कॉलेज से पढ़ाई कर चुके हैं. अपने करियर की आरंभ में उन्होंने न्यूयॉर्क में सिटीग्रुप इंक में काम किया. उनके पिता पाक के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं. अपना करियर प्रारम्भ करने के बाद, औरंगजेब एबीएन एमरो बैंक एनवी में काम करने के लिए पाक लौट आए थे. बाद में, वह एम्स्टर्डम में बैंक के मुख्यालय में गए. वर्ष 2018 में उन्होंने पाक के सबसे बड़े ऋणदाता हबीब बैंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पदभार संभालने के लिए सिंगापुर में जेपी मॉर्गन को छोड़ दिया और इस्लामाबाद लौटे.
औरंगजेब को नया टारगेट मिला
पीएम शहबाज को अपना रोल-मॉडल कहने वाले औरंगजेब के सामने चुनौती काफी बड़ी है. अभी वह आईएमएफ से 6 अरब $ के तीन वर्ष के कार्यक्रम के लिए जून तक समझौता कराने की प्रयास में लगे हैं. औरंगजेब को पाक में औरी निकनेम से भी जाना जाता है. पाकिस्तानी गवर्नमेंट में उनका यह पहला पदभार नहीं है। 2022 में वह शहबाज शरीफ गवर्नमेंट के पहले कार्यकाल के दौरान आर्थिक सलाहकार का काम भी देख चुके हैं.