यहूदी देश पर 300 मिसाइल दागने के बाद ईरान ने दी बड़ी धमकी
यरूशलम: इज़राइल के सेना प्रमुख ने सोमवार (स्थानीय समय) को बोला कि यहूदी राष्ट्र हाल ही में ईरान द्वारा किए गए हमले का उत्तर देगा और मध्य पूर्व संकट में वृद्धि की संभावना के बीच प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निर्णय का प्रतीक्षा कर रहा है. इस बीच, ईरान ने बोला कि वह इज़रायल के किसी भी हमले का “सेकेंड में उत्तर देगा” और आवश्यकता पड़ने पर “पहले कभी इस्तेमाल न किए गए हथियार” भी तैनात करेगा.
इजरायली सेना प्रमुख, हरजी हलेवी ने बल देकर बोला कि इजरायल अपने अगले कदमों पर विचार कर रहा है और 13 अप्रैल के ईरानी हमले का “जवाब दिया जाएगा”, जबकि सियासी मामलों के लिए ईरान के उप विदेश मंत्री, अली बघेरी कान ने बल देकर बोला कि ईरान की ओर से प्रतिक्रिया की गति “कुछ सेकंड से भी कम होगी.” बता दें कि, 13 अप्रैल को, ईरान ने पहली बार अपने कट्टर शत्रु इज़राइल पर सीधा धावा किया, 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे. यह धावा सीरिया की राजधानी दमिश्क में तेहरान के वाणिज्य दूतावास भवन पर 1 अप्रैल को हुए खतरनाक हवाई हमले के उत्तर में हुआ, जिसके लिए व्यापक रूप से इज़राइल को गुनेहगार ठहराया गया था.
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के हमले की प्रतिक्रिया के बारे में फैसला लेने के लिए सोमवार को 24 घंटे से भी कम समय में दूसरी बार अपने युद्ध मंत्रिमंडल को बुलाया. गवर्नमेंट ने अभी तक किसी भी निर्णय पर कोई घोषणा नहीं की है. इजराइली पीएम के कार्यालय ने बोला कि नेतन्याहू ने अमेरिका के शीर्ष अधिकारी स्टीव स्कैलिस के साथ वार्ता में बोला कि “इजरायल अपनी रक्षा के लिए जो भी महत्वपूर्ण होगा वह करेगा.”
इज़राइल के सेना प्रमुख ने कहा, “जैसा कि हम आगे देखते हैं, हम अपने कदम बढ़ा रहे हैं, और इज़राइल राज्य के क्षेत्र में इतनी सारी मिसाइलों, क्रूज़ मिसाइलों, यूएवी के प्रक्षेपण को प्रतिक्रिया मिलेगी.” सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने बोला कि राष्ट्र “हम जो समय चुनेंगे, उसी समय” उत्तर देंगे. इज़राइल के मीडिया के अनुसार, युद्ध कैबिनेट ने अपनी बैठक में कई विकल्पों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य इज़राइल पर ड्रोन और मिसाइल हमले के लिए ईरान को हानि पहुंचाना था, लेकिन पूरी तरह से युद्ध किए बिना.
इस बीच, एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी, अबोलफज़ल अमौई ने बोला कि राष्ट्र ने इजरायली तनाव की स्थिति में सभी संभावित परिदृश्यों के लिए व्यापक रणनीति तैयार की है और किसी भी इजरायली हमले के मुद्दे में “पहले से अप्रयुक्त हथियार” तैनात करने के लिए तैयार है. इजराइल पर संघर्ष को और न बढ़ाने के लिए भारी अंतर्राष्ट्रीय दबाव है. अमेरिका सहित कई राष्ट्रों ने इज़राइल से धैर्य बरतने का आग्रह किया है क्योंकि वह एक व्यापक राजनयिक प्रतिक्रिया बनाना चाहता है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, “हम ईरान के साथ युद्ध नहीं देखना चाहते. हम क्षेत्रीय संघर्ष नहीं देखना चाहते.” उन्होंने बोला कि यह इजराइल को तय करना है कि “वे क्या और कैसे उत्तर देंगे.“
व्हाइट हाउस ने बोला कि ईरान ने पिछले हफ्ते संयुक्त राज्य अमेरिका को इज़राइल या उसके संभावित लक्ष्यों पर धावा करने की समय सीमा के बारे में चेतावनी नहीं दी थी, और पेंटागन ने कहा, “हम साफ रूप से क्षेत्र में अपनी सेना की सुरक्षा के लिए जरूरी तरीका करेंगे”. वहीं, चीन ने बोला कि उसका मानना है कि ईरान अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा करते हुए “स्थिति को अच्छी तरह से संभाल सकता है और क्षेत्र को और अधिक अशांति से बचा सकता है”, जबकि रूस ने अपने सहयोगी ईरान की सार्वजनिक रूप से निंदा करने से परहेज किया है, लेकिन साथ ही धैर्य बरतने का आग्रह करते हुए बोला है कि “आगे बढ़ना किसी के भलाई में नहीं है.“
उधर, ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने बोला कि प्रमुख औद्योगिक राष्ट्रों का समूह (जी7) इजरायल पर ड्रोन हमले के बाद ईरान के विरुद्ध समन्वित तरीकों के पैकेज पर काम कर रहा है. इस बीच, इज़राइली ऑफिसरों ने स्थिति के मद्देनजर लगाए गए कुछ इमरजेंसी तरीकों को हटा दिया, जिसमें कुछ विद्यालय गतिविधियों पर प्रतिबंध और बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध शामिल था, हालांकि राष्ट्र हाई अलर्ट पर रहा.