अंतर्राष्ट्रीय

24 घंटे में नेतन्याहू ने बुलाई वॉर कैबिनेट की दूसरी मीटिंग

इजराइल पर ईरान के हवाई हमलों के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है. कथित तौर पर ईरान ने इज़राइल पर लगभग 300 मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिससे इज़राइल की ओर से जवाबी कार्रवाई की चिंता पैदा हो गई. कहा जाता है कि इजरायली पीएम नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट की बैठक के दौरान ईरान पर हमले की संभावित योजनाओं पर चर्चा की थी.

इज़राइल में वॉर कैबिनेट ने ईरान के विरुद्ध कड़ी जवाबी कार्रवाई के लिए समर्थन व्यक्त किया है, हालांकि ऐसी प्रतिक्रिया के समय और ढंग पर बहस चल रही है. सूत्रों का बोलना है कि इज़राइल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के उद्देश्य से ईरान की परमाणु सुविधाओं को निशाना बना सकता है, जिसमें नटानज़, इस्फ़हान, अरक, फ़ोरहाधो और बुशहर जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं. तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी ईरान के परमाणु स्थलों पर संभावित इजरायली हमले के बारे में चेतावनी दी है. IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ईरानी ऑफिसरों द्वारा निरीक्षकों को परमाणु स्थलों तक पहुंचने से रोकने के बाद चिंता व्यक्त की है. हालाँकि, बाद में ईरान निरीक्षण के लिए साइटों को फिर से खोलने पर सहमत हो गया है.

ईरान के हमलों के 24 घंटों के भीतर, इजरायली प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट की दूसरी बैठक बुलाई, जहां इजरायली सेना प्रमुख हरजी हलेवी ने आक्रामकता का उत्तर देने के लिए इजरायल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. इज़रायली राजदूत गिलाद एर्दान ने ईरान के कार्यों की आलोचना की, और इज़रायल को अपनी रक्षा करने के अधिकार पर बल दिया. फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के पिछले हमले के बाद, इज़राइल ने विपक्षी नेताओं सहित एक एकता गवर्नमेंट का गठन किया, जिसका ध्यान गाजा में हमास के विरुद्ध युद्ध रणनीति तैयार करने पर था.

वॉर कैबिनेट, जिसमें प्रधान मंत्री नेतन्याहू, रक्षा मंत्री योव गैलेंट और विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज़ जैसे प्रमुख लोग शामिल हैं, सेना कार्रवाई का निर्धारण करने में जरूरी किरदार निभाते हैं. हालाँकि इज़रायली संविधान में युद्ध मंत्रिमंडल के लिए कोई विशिष्ट कानूनी ढांचा नहीं है, लेकिन इसके फैसला युद्धविराम समझौते सहित सेना मामलों में जरूरी महत्व रखते हैं. इज़राइल पर ईरान के हमले में विभिन्न प्रकार के ड्रोन और मिसाइलें शामिल थीं, जिससे इज़राइल को अपनी वायु रक्षा प्रणाली को एक्टिव करने के लिए प्रेरित किया गया. इज़राइली रक्षा बलों (IDF) ने एरो एरियल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करके आने वाले अधिकतर प्रोजेक्टाइल को सफलतापूर्वक रोकने की सूचना दी. हमले के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई राष्ट्रों ने इज़राइल को समर्थन की पेशकश की.

एक अलग घटना में, ईरान ने इज़राइल पर 1 अप्रैल को सीरिया में उसके दूतावास पर धावा करने का इल्जाम लगाया, जिसके परिणामस्वरूप वरिष्ठ सेना ऑफिसरों सहित लोग हताहत हुए. ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन को “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस” नाम देते हुए इजराइल पर तेजी से हमले प्रारम्भ कर दिए. ईरान का दावा है कि कोडनेम वादों को पूरा करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, चाहे वह दोस्तों से हो या दुश्मनों से

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button