दिल्ली से भी छोटे देश ने जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आंख दिखाई

Russia threats Lithuania on Kaliningrad: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध कब थमेगा कोई नहीं जानता। इस बीच जनसंख्या और क्षेत्रफल में दिल्ली से भी छोटे राष्ट्र ने जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को आंख दिखाई तो हर कोई दंग रह गया। यहां बात लिथुआनिया (Lithuania) की जिसने रूस के कैलिनिनग्राद (Kaliningrad) तक रेल के जरिए जाने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्यों भड़का रूस?
दरअसल लिथुआनिया एकजमाने में तत्कालीन सोवियत संघ (USSR) का हिस्सा था। 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद लिथुआनिया अलग राष्ट्र बना जो 2004 में NATO में शामिल हो गया। बस रूस को रह रह कर यही दर्द सालता है कि कभी उसका ही हिस्सा रहे राष्ट्र उसे आंख दिखा रहे हैं।
ऐसा उत्तर देंगे कि उसके लोगों को दर्द महसूस होगा: रूस
रॉयटर्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जब लिथुआनिया ने रूस की सप्लाई चेन रोकने की बात कही तो नाराज रूसी ऑफिसरों ने धमकी भरे अंदाज में बोला कि ऐसा कुछ भी करने पर लिथुआनिया को माकूल उत्तर दिया जाएगा, जिससे उसके लोगों को दर्द महसूस होगा। इसके बाद पर लिथुआनिया ने भी फौरन प्रतिक्रिया देते हुए बोला कि राष्ट्र के लोग ऐसे किसी भी संकट से निपटने कि लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि लिथुआनिया ने हाल ही में रूस की ओर जाने वाली ट्रेन को बंद कर दिया।
लिथुआनिया ने क्यों रोका रूस का रास्ता?
मॉस्को के ऑफिसरों नें जब इस बावत प्रश्न पूछा तो लिथुआनिया ने कहा कि उसने ऐसा यूरोपियन यूनियन (EU) के प्रतिबंधों के चलते किया है। यानी लिथुआनिया ने यूरोपियन यूनियन के प्रतिबंधों के नियमों का हवाला देते हुए कैलिनिनग्राद (Kaliningrad) से आने और जाने वाले सामान पर रोक लगा दी है।
जब रूसी सिक्योरिटी काउंसिल के सेक्रेटरी निकोलई पेत्रूशेव ने बोला कि उनका राष्ट्र ऐसा उत्तर देगा, जिसका लिथुआनिया के लोगों पर गलत असर पड़ेगा। तो लिथुआनिया के राष्ट्रपति गिटानस नौसेदा ने बोला कि वो रूस की जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी बोला कि उन्हें नहीं लगता कि रूस उनके विरूद्ध कोई सेना कार्रवाई करेगा, क्योंकि वो NATO का सदस्य है।
लुथिआनिया की ताकत
आपको बता दें कि लुथिआनिया क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों की तुलना में दिल्ली से भी छोटा है। इस राष्ट्र की जनसंख्या करीब तीस लाख है जिसके पास मात्र 16 हजार सैनिक हैं। लेकिन उसके देशवासियों के इरादे यूक्रेन के लोगों से कमजोर नहीं है। वहीं रूस के विरूद्ध बड़ा कदम उठाकर उसने ये साबित भी कर दिया है।
ऐसी बयानबाजी से बचे रूस: यूरोपियन यूनियन
इस पूरे घटनाक्रम के बाद मॉस्को में उपस्थित यूरोपियन यूनियन के राजदूत ने बोला कि रूस को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए। ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र में पहले से उपस्थित तनाव और बढ़े।