UN ने भारत पर बढ़ाया भरोसा, यह दुनिया की मुश्किलों में करता है मदद, उठाया ये बड़ा कदम
संयुक्त राष्ट्रः भारत की छवि दुनिया में मुश्किलों के सबसे बड़े मददगार के तौर पर उभरी है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुस्तान ने अंतरराष्ट्रीय संकटों के समय जिस तेजी के साथ दुनिया की सहायता करने में हमेशा आगे रहने का का साहस दिखाया है, उसका संयुक्त देश भी प्रशंसक हो चुका है. फिर चाहे बात कोविड आपदा के समय कोविड-19 की वैक्सीन दुनिया के विभिन्न राष्ट्रों को निःशुल्क में देने की बात रही हो या फिर तुर्की में आए भूकंप, नेपाल जैसे राष्ट्रों में आए भूकंप पीड़ितों की सहायता का मुद्दा रहा हो और चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर इजरायल-हमास युद्ध पीड़ितों को मानवीय सहायता पहुंचाने की बात रही है. हिंदुस्तान ने हमेशा मानवीयता को सर्वोपरि रखा है. इसीलिए संयुक्त देश का भरोसा हिंदुस्तान पर बढ़ गया है.
लिहाजा हिंदुस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के एक शीर्ष अधिकारी को संयुक्त देश महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है. महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक प्रेस वार्ता में बुधवार को बोला कि कमल किशोर (55) को ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त देश कार्यालय’ (यूएनडीआरआर) में महासचिव का सहायक और विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है. एनडीएमए में किशोर जिस पद पर हैं वह हिंदुस्तान गवर्नमेंट के सचिव स्तर का है. वह यूएनडीआरआर में जापान की मामी मिज़ुतोरी का जगह लेंगे.
जी-20 कार्य समूह में आपदा जोखिम का किशोर ने किया था नेतृत्व
भारत के जी20 का अध्यक्ष रहने के दौरान किशोर ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जी20 कार्य समूह का नेतृत्व किया था. उन्होंने 2019 में जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किए गए आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन के विकास में भी सहयोग दिया था. दुजारिक ने बोला कि किशोर के पास वैश्विक, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु कार्रवाई और सतत विकास में सरकार, संयुक्त देश और नागरिक समाज संगठनों में काम करने का तीन दशकों का अनुभव है.
एनडीएमए में शामिल होने से पहले, किशोर ने संयुक्त देश विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के लिए जिनेवा, दिल्ली और न्यूयॉर्क में लगभग 13 वर्ष काम किया. किशोर ने थाईलैंड के बैंकॉक स्थित एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान से शहरी नियोजन, भूमि और आवास विकास में ‘मास्टर ऑफ साइंस’ और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की से वास्तुकला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है.