धरमपुर गांव में जमीन धंसने से 3 महिलाओं की मौत, 4 जख्मी, मचीं चीखें-पुकार
पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा के धरमपुर गांव में जमीन धंसने से 3 स्त्रियों की मृत्यु और 4 के जख्मी होने की घटना के बाद हर तरफ चीख-पुकार मच गई थी। तीन स्त्रियों की मृत-शरीर मिट्टी में दबी थी। उनके परिजन और बच्चे बिलख रहे थे। गांव में मातम पसर गया। हर कोई मौके की तरफ भाग रहा था।
देखते ही देखते पूरा बनियाकुदर गांव धरमपुर के पास जमा हो गया। पुलिस-प्रशासन और ग्रामीणों के योगदान के घंटों मशक्कत के बाद जेसीबी से मलबा को हटाकर स्त्रियों के शवों को बाहर निकाला गया। घायलों को पहले हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया था। बहरागोड़ा में हुई इस हृदयविदारक घटना से हर कोई मर्माहत है।
मृतकों के नाम और उनकी उम्र
- मंजू किस्कू (33)
- सुशीला सोरेन (31)
- आलो मोनी टुडू (34)
घायलों के नाम और उनकी उम्र
- चीता मुर्मू (30)
- रायमनी हांसदा (15)
- कमाली मुर्मू (19)
- सलमा टुडू (32)
बुधवार सुबह 10 बजे धरमपुर गांव में हुई घटना
बता दें कि घर की लिपाई-पुताई के लिए खोड़ी (खड़िया) मिट्टी निकालने के दौरान जमीन धंसने से 3 स्त्रियों की मृत्यु हो गई। कहा जा रहा है कि बहरागोड़ा थाना क्षेत्र की माटिहाना पंचायत के धरमपुर गांव में बुधवार सुबह 10 बजे यह घटना हुई।
मृत और घायल सभी महिलाएं बरसोल थाना क्षेत्र की भूतिया पंचायत स्थित बनियाकुदर गांव की हैं। सूचना मिलते ही बहरागोड़ा पुलिस और प्रशासन ने घायलों को बहरागोड़ा सीएचसी में भर्ती कराया। सभी महिलाएं संताल समुदाय की हैं। बाहा पर्व के बाद घर की लिपाई-पुताई के लिए खोड़ी मिट्टी लाने गांव से 2 किमी दूर धरमपुर गयीं थीं।
बुधवार को दोपहर में 3 मृतशरीर घाटशिला अनुमंडल हॉस्पिटल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम किया। डॉ आरएन सोरेन की देख-रेख में स्त्री डॉक्टर डॉ कुमोदनी सरदार ने पोस्टमार्टम किया। मौके पर बरसोल थाना क्षेत्र के बनियाकुदर के ग्राम प्रधान प्रधान माडी समेत परिजन मौजूद थे। पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। घाटशिला के समाजसेवी कालीराम शर्मा, प्रीतम सोरेन ने पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों का योगदान किया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मिट्टी की खुदाई करने के दौरान टीला भरभरा कर ध्वस्त हो गया। 3 महिलाएं उसमें दब गईं। भागने के दौरान 4 महिलाएं गिर गईं, जिसकी वजह से वे घायल हो गईं। 10 फुट ऊंचे टीले पर बैठी एक स्त्री बाल-बाल बच गयी।
घटना में मृत 3 स्त्रियों के छोटे-छोटे बच्चे हैं। बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया। मृतका मंजू किस्कू के 2 बेटे हैं। इनकी उम्र क्रमश: 2 वर्ष और 7 वर्ष है। सुशीला सोरेन के दो बेटे हैं। उनकी उम्र 5 वर्ष और 12 वर्ष है। आलो मोनी टुडू की एक बेटी की विवाह हो चुकी है। घटना से इन परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि महिलाएं समय-समय पर खोड़ी मिट्टी लाती रहतीं हैं। धरमपुर के पास खोड़ी मिट्टी अधिक मिलती है। कई महिलाएं खोड़ी सफेद मिट्टी निकाल कर बेचती भी हैं। प्रति बोरा 10 रुपये मिलता है। इससे उनका पेट चलता है। महिलाएं कह रही थीं कि अब कान पकड़ते हैं, मिट्टी लाने नहीं जायेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि संताली महिलाएं सफेद खोड़ी मिट्टी से घर लीपती हैं। दीवारों को रंगती भी हैं।
बहरागोड़ा में बालू माफिया की तरह मिट्टी माफिया भी एक्टिव हैं। जहां मिट्टी की खुदाई हो रही थी, वह स्थान रैयती भूमि है। पिछले कुछ माह से मिट्टी की खुदाई हो रही थी। बीते दिनों जेसीबी लगाकर मिट्टी की खुदाई की गयी। वहां की मिट्टी बेची जा रही थी। इतनी मिट्टी खोदी गयी कि 10 फुट अंदर तक गड्ढा बन गया है। 10 फुट नीचे घुसकर महिलाएं मिट्टी निकाल रहीं थीं। इसी दौरान ऊपर की मिट्टी भरभरा कर गिर गयी।
सूचना पाकर विधायक समीर महंती मौके पर पहुंचे। वहां से हॉस्पिटल गए और घायलों का हाल जाना। मौके पर घाटशिला के एसडीओ सच्चिदानंद महतो, एसडीपीओ अजीत कुजूर, बीडीओ केशव भारती, सीओ भोला शंकर महतो, थाना प्रभारी विकास कुमार शर्मा, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश षाड़ंगी, बाप्तू साव, सांसद प्रतिनिधि गौरव पुष्टि और विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे।
विधायक समीर मोहंती ने पीड़ित परिवारों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और उपायुक्त को दूरभाष पर घटना की जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्री से मांग की कि पीड़ित परिवार को मुनासिब मुआवजा मिले। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि सभी पीड़ित परिवारों को सहायता दी जाएगी।