झारखण्ड

रामनवमी को लेकर महावीरी झंडे से पटा गिरिडीह

गिरिडीह, मृणाल कुमार: गिरिडीह जिले में रामनवमी की तैयारी पूरी हो गयी है शहरी और ग्रामीण क्षेत्र महावीरी झंडा से पट गये हैं जगह-जगह पर पूजा की तैयारी पूरी हो चुकी है रामभक्तों में रामनवमी को लेकर उत्साह है विभिन्न मंदिरों में भव्य तैयारी की गयी है पूरे बाजारों में केसरिया झंडे ही दिखाई दे रहा है सोमवार को बड़े झंडों को खरीदने के लिए बाजार में चहल-पहल देखी गयी रामनवमी के मौके पर निकालने वाली झांकियां और अखाड़ा में भीड़ नियंत्रण करने की भी पूरी प्रबंध पूजा समितियों ने की है इधर, रामनवमी को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस पूरी तरह से सावधान है मालूम रहे कि शहर के बड़ा चौक में सभी अखाड़ा जमा होते हैं यहां खिलाड़ी खेल का प्रदर्शन करते हैं जिला प्रशासन और विभिन्न हिंदू संगठन की ओर से उन्हें सम्मानित भी किया जाता है

कई स्थानों पर लगाये जा रहे है स्टॉल
इधर, अखाड़ा और जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं हो इसे लेकर शहर के भिन्न-भिन्न चौक-चौराहों पर विभिन्न संगठन स्टॉल लगा रहे हैं स्टॉल पर लोगों के लिए सही पेयजल और शरबत की प्रबंध की जायेगी शहरी क्षेत्र में पुलिस ने 41 प्वांइट को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के रूप में चिह्नित किया है यहां पर पुलिस की विशेष टीम को तैनात रहेगी इसके अतिरिक्त शहर के पदम चौक और बड़ा चौक में तीन वॉच टावर बनाये जायेंगें, जहां सीसीटीवी कैमरा, वीडियोग्राफी और ड्रोन कैमरे से पूरे क्षेत्र में नजर रखी जायेगी पूरे शहरी क्षेत्र में लाइटिंग की प्रबंध दुरूस्त करायी गयी है

145 वर्ष पुराना है गिरिडीह के रामनवमी का इतिहास
गिरिडीह में रामनवमी का काफी इतिहास 145 वर्ष से भी अधिक पुराना है यहां की झांकी और अखाड़ा देखने के लिए ना केवल गिरिडीह शहरी क्षेत्र बल्कि भिन्न-भिन्न प्रखंडों और दूसरे शहरों से लोग पहुंचते हैं पूर्व में पहले जहां ढाक के साथ जुलूस निकलता था, बाद में ढाक का जगह ताशा पार्टी ने लिया और अब डीजे रामनवमी की पहचान बन गयी है रामनवमी से यहां के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है यही कारण है कि दूसरे प्रदेश में रहने वाले लोग रामनवमी के मौके पर गिरिडीह पहुंचते है एक दौर था जब चंद लोगों के साथ अखाड़ा और झांकिया निकाली जाती थी, लेकिन आस्था बढ़ने के साथ लोगों की भीड़ उमड़ने लगी

झारखंड में पहला ऐसा मंदिर जहां स्थापित है हनुमान जी की दो प्रतिमा
प्राचीन कुटिया मंदिर का इतिहास काफी गौरवशाली है राज्य का यह पहला मंदिर है जहां हनुमान जी की दो मंदिर है नागा साधुओं ने पहाड़ के नीचे एक मंदिर बननाया मंदिर बनने के बाद लोगों ने इंजीनियर और पहलवानों को बुलाकर हनुमान जी की प्रतिमा को उठा कर मंदिर निर्माण करने का कोशिश किया लेकिन हनुमान जी की प्रतिमा को कोई हिला तक नहीं सका इसके बाद लोग पहाड़ के नीचे स्थित कुटिया में जाकर हनुमान की का दर्शन करते थे बाद में नीचे में भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया इसके बाद ऊपर में एक और नया हनुमान मंदिर बना पूरे झारखंड में यह पहला हनुमान जी का मंदिर है जहां हनुमान जी की दो-दो प्रतिमाएं हैं इस मामले में प्राचीन कुटिया मंदिर अखाड़ा कोटी के नीलकमल भारतीया ने कहा कि यहां 143 साल पूर्व नागा साधुओं ने मिलकर चमत्कारी कुटिया वाले बालाजी की प्रतिमा की स्थापना कर पूजा की आरंभ की थी हालांकि, पूजा की प्रारम्भ करने के बाद नागा साधुओं को किसी ने नहीं देखा कई बार लोगों ने इन नागा साधुओं की खोजबीन की, लेकिन वह कहीं नहीं मिले करीब 70 वर्ष तक यहां लोगों ने कुटिया बनाकर पूजा-अर्चना की की कहा कि इस बार रामनवमी में यहां से भव्य और सबसे अलग झांकी निकलेगी इसमें बाहर से आये कलाकार शामिल होंगे

80 वर्ष पुरानी है मकतपुर बजरंग सेवा समिति की झांकी
मकतपुर बजरंग सेवा समिति 80 सालों से झाकी निकाल रही है एक तरफ रामभक्त अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रदर्शन करते दिखते हैं, वहीं दूसरी तरफ के मकतपुर बजरंग सेवा समिति की झांकी को देखने के लिए लोग शहर के विभिन्न चौक-चौराहों में जमा होते हैं झांकी देखने के लिए सभी धर्म के लोगों का जुटान होता है समिति समेत जिला मुख्यालय के तीन दर्जन से अधिक अखाड़ा समितियों के साथ झांकी और अखाड़ा लेकर निकलती हैसमिति के लाइसेंसी दीपक शर्मा ने कहा कि कमेटी के सदस्य झांकी और अखाड़ा निकालने की तैयारी को आखिरी रूप दे रहे हैं रथों की रंगाई हो रही है 80 साल पूर्व मकतपुर के मदन लाल शर्मा ने इसकी आरंभ की थी इसके बाद समिति में मुहल्ले के कई युवाओं ने सहयोग देना प्रारम्भ किया, जो अब इस पंरपरागत विरासत को पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ा रहे हैं रामनवमी के मौके पर इस बार अलग से बग्घी मंगायी गयी है, इस बार की झांकी काफी सुन्दर और भव्य रहेगी राममंदिर की प्रतिकृति आकर्षण का केंद्र रहेगा कमेटी के डिंपल साव, सतीश साव, विश्ननाथ शर्मा उर्फ बीशू शर्मा, दुर्गा सिंह, उमाशंकर सिंह, विकास शर्मा, अरुण भदानी, नागेंद्र कपिसवे आदि एक्टिव हैं

आकर्षक झांकियां करती हैं लोगों को आकर्षित
रामनवमी के मौके पर शहर के न्यायालय चौक, मकतपुर, अरगाघाट, करबला रोड, शास्त्री नगर, बनखंजो, बरगंडा, न्यू बरगंडा, बरमसिया, झिंझरी मुहल्ला, बक्सीडीह रोड, चैताडीह, बभनटोली, बरवाडीह, तिरंगा चौक, कोलडीहा, मोहलीचुआं, अलकापुरी, कृष्णानगर, बोड़ो और पचंबा से सुन्दर झांकी निकलती है हनुमान, सीताराम, रामदरबार की झांकी आकर्षण का केंद्र रहती हैं इसे देखने काफी संख्या में लोग शहर के बड़ा चौक पहुंचते है यहां सुबह और शाम में अखाड़ा का प्रदर्शन किया जाता है यहां विधायक, डीसी, एसपी, एसडीएम के अतिरिक्त सभी पदाधिकारी और विभिन्न हिंदू संगठन के लोग उपस्थित रहते हैं बेहतर प्रदर्शन करने वाली अखाड़ा कमेटी के सदस्यों को सम्मानित किया जाता है हाल के सालों में जेपी चौक के समक्ष भी अखाड़ा होता है यहां पर महावीर सेवा समिति अखाड़ा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत करती है

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