राष्ट्रीय पटल पर बढ़ेगी चंदनकियारी की धमक
चंदनकियारी, डीएन ठाकुर: बोकारो के चंदनकियारी प्रखंड के खेड़ाबेड़ा गांव निवासी छऊ नृत्य के कलाकार परीक्षित महतो को छह मार्च को दिल्ली में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। परीक्षित महतो ने चंदनकियारी को गौरवान्वित किया है। 1982 से लगातार संघर्ष के बाद उन्होंने अपनी पहचान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनायी है। सामान्य कृषक परिवार में जन्मे परीक्षित महतो ने झारखंड के क्षेत्रीय लोक कला छऊ को ही जीवन का आधार बनाया। इनका जन्म आठ फरवरी 1966 को कुड़मी परिवार में हुआ। पिता स्व रहनी महतो एक साधारण किसान परिवार से थे, माता स्व रमनी देवी गृहिणी थी। श्री महतो ने मुख्य पेशा छऊ और कृषि को जीविका बनाया।
परीक्षित महतो के सम्मानित होने के साथ ही कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय पटल पर चंदनकियारी की धमक बढ़ेगी। इसका श्रेय जाता है संगीत नाटक एकेडमी छऊ प्रशिक्षण केंद्र चंदनकियारी का। जो कला की क्षेत्र में कलाकारों को मजबूत बुनियादी सुविधाएं मौजूद कराने में अपना अहम सहयोग निभा रहा है। बता दें कि केंद्र की स्थापना झारखंड गवर्नमेंट के पूर्व कला संस्कृति मंत्री सह वर्तमान विधायक अमर बाउरी ने की थी।
बचपन से ही छऊ कलाओं और फुटबाल में थी रुचि
परीक्षित महतो की प्रारंभिक शिक्षा 1970 में पांच साल की उम्र में गांव के विद्यालय से प्रारम्भ हुई। प्रथम कक्षा से पांचवीं की कक्षा पढ़ाई के बाद 1977 में छठ्ठी कक्षा उच्च विद्यालय बरमसिया में दाखिला हुआ, जंहा से उन्होंने 1983 में मैट्रिक की परीक्षा पास की। 1983 में इंटरमीडिएट के नामांकन के बाद उन्होंने पढ़ाई बीच मे ही छोड़ दिया। छऊ कला में श्री महतो की रुचि बढ़ी और 30-40 लोगो के साथ छऊ नृत्य का एक टीम बनायी, जो आज तक चल रही है। इन्हें फुटबॉल में भी रूचि थी।
सैकड़ों अभियान किए
गणेश वंदना में कार्तिक की भूमिका, महिषासुर वध में महिषासुर की भूमिका, बिरसा मुंडा पाला में बिरसा मुंडा की किरदार के अलावे सैकड़ों पाला में अपना एक्टिंग से लोगों का मन मोह लिया।
कई बार हुए सम्मानित
1995 में चास में प्रदर्शन के बाद उन्हें दूरदर्शन पुरस्कार प्राप्त किया।
2017 में चंदनकियारी में सम्मान प्राप्त हुआ।
2015 में सरायकेला में उम्दा प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।
2009 में लखनऊ यूपी में संस्कार भारती लोक कला महोत्सव में प्रदर्शन में उन्हें प्रमाण पत्र दिया गया।
2000 में हरियाणा के जींद में रजत जयंती कार्यक्रम में अपने प्रदर्शन के बाद प्रमाण प्राप्त किया।
1996 बोकारो स्टील सिटी संस्कार भारती प्रांतीय कलादर्शन में जिसमे प्रांतीय अध्यक्ष दक्षिण बिहार सिद्धिनाथ सिंह एवं मैत्री बोकारो स्टील सिटी चेतन जोसी ने इन्हें कला भारती प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।