इजरायल-हमास युद्ध से डिफेंस कॉरिडोर को भी लगा बड़ा झटका
इजरायल-हमास युद्ध से कानपुर के डिफेंस कॉरिडोर को भी झटका लगा है। इससे जहां उत्पादन का शेड्यूल बिगड़ेगा वहीं हथियारों का निर्माण भी टल जाएगा। इसकी मुख्य वजह यह है कि कॉरिडोर में हथियार तैयार करने के लिए इजरायल की ही कंपनी एल्बिट सिस्टम से कैरोबैलिस्टा सिस्टम लिमिटेड का समझौता हुआ है। कानपुर के साढ़ स्थित डिफेंस कॉरिडोर में सितंबर माह से ही प्लांट लगाने की तैयारी प्रारम्भ हो गई थी। कई संयंत्र आ चुके थे।अक्तूबर तक प्लांट स्थापित हो जाना था और नवंबर से उत्पादन प्रारम्भ हो जाना था। तोपों की सीरीज समेत 41 तरह के हथियार के अतिरिक्त मानव रहित टोही विमान भी तैयार किए जाने थे। इजरायल और हमास के बीच युद्ध से अगले संयंत्रों की खेप अभी रुक गई है। कैरोबैलिस्टा सिस्टम लिमिटेड युद्ध समाप्त का प्रतीक्षा कर रही है।
बढ़ जाएगी हथियारों की डिमांड
भले ही कुछ समय के लिए यहां उत्पादन टल जाए मगर इजरायल-हमास युद्ध से हथियारों की डिमांड बढ़ जाएगी। पहले से ही हथियारों के निर्माण के ऑर्डर हो चुके हैं। सूत्रों का बोलना है कि युद्ध में सेना हथियारों के साथ ही कारतूसों की और आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए अगले कुछ दिनों में दोबारा से उत्पादन प्रारम्भ करने की तैयारी भी हो सकती है। हथियारों के निर्माण में यहां इजरायल की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होना है, जो एल्बिट सिस्टम के जरिए उपलब्ध होगा। कैरोबैलिस्टा ने उद्योग विभाग को समझौते के अनुसार उत्पादन का जो विवरण भेजा था उसमें नवंबर से निर्माण होना था। लेकिन, सूत्र कहते हैं कि दिसंबर से उत्पादन संभव है। वहीं, अडाणी ग्रुप के प्रवक्ता के अनुसार उत्पादन के पहले ही हथियारों के ऑर्डर हो गए थे। हमारी कंपनी लगातार स्थितियों पर नजर रखे हुए है। उत्पादन कब से प्रारम्भ होगा इसकी अधिकृत जानकारी जल्द ही मौजूद कराई जाएगी।
कॉरिडोर में इनका होता है उत्पादन
● 12.7 एमएम कैलिबर श्रेणी की बंदूक प्रणाणियों से होनी है शुरुआत
● 200 एमएम कैलिबर श्रेणी तक पहुंचेगी गन सिस्टम उत्पादन रेंज
● 10 तरह की अत्याधुनिक पिस्टल बनेंगी जिनकी क्षमता 500 मीटर
● 13 तरह की रायफल और पिस्टल बननी हैं जिसमें मसाडा भी शामिल