बिहार: एनडीए के इन नेताओं की उम्मीदों पर फिरा पानी
पटना, कृष्ण कुमार। एनडीए में हुए सीट बंटवारे ने लोकसभा का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कई नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कुछ नेता दूसरे दल की ओर देख रहे हैं, तो कुछ ने स्थिति की नजाकत को समझते हुए परिस्थितियों से समझौता करना ही बेहतर समझा। पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की सीट उनके भतीजे चिराग पासवान को मिल गयी है। लिहाजा, पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से त्याग-पत्र दे दिया है और महागठबंधन की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को आशा थी कि उन्हें बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ने का न्योता मिलेगा। लेकिन, समझौते में उनके के लिए अभी कोई स्थान बनती नहीं दिख रही है। गया, काराकाट, शिवहर और सीतामढ़ी के मौजूदा सांसदों का भी टिकट कट गया है। इनमें गया के सांसद विजय मांझी ने पार्टी के निर्णय को स्वीकारते हुए नये उम्मीदवार को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
काफी दिनों से कर रहे थे चुनाव लड़ने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, राज्य की सभी 40 लोकसभा सीटों पर सभी वर्तमान सांसद आनें वाले चुनाव लड़ने की अंदरुनी तैयारी कर रहे थे। इनमें एनडीए गठबंधन के भाजपा, जदयू, लोजपा (रा), हम, रालोजपा सहित रालोजद के नेता भी शामिल हैं। दूसरी तरफ महागठबंधन के घटक दलों के नेता भी अंदरुनी तैयारी में लगे हैं। हाल यह है कि कई सीटों पर तो एक ही सियासी पार्टी के दो-तीन दावेदार तक हो गये हैं। अभी एनडीए के घटक दलों में सीटों का बंटवारा होने के बाद नेताओं की नाराजगी धीरे-धीरे ही सही, लेकिन सामने आने लगी है। सियासी जानकारों की मानें, तो इस बार जदयू छोड़ बीजेपी में शामिल हुए आरसीपी सिंह को कहीं से भी उम्मीदवारी मिलने की आसार नहीं है। वहीं सीतामढ़ी सीट पर सुनील कुमार पिंटू वर्तमान सांसद हैं, लेकिन इस सीट पर इस बार देवेश चंद्र ठाकुर के जदयू उम्मीदवार होने की आसार जतायी जा रही है।
अपनी बात नहीं रख पाने का अफसोस
गया सीट से बीजेपी के वर्तमान सांसद विजय कुमार मांझी हैं। इस सीट पर पूर्व सांसद हरि मांझी की भी निगाहें थीं, लेकिन यह सीट जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ के खाते में चली गयी है। हरि मांझी ने ट्विट कर बोला कि गया सीट से उनका हम पार्टी को पूर्ण समर्थन रहेगा। लेकिन, अपनी बात प्रदेश इकाई के समक्ष नहीं रख पाने का भी अफसोस है। वहीं काराकाट सीट से वर्तमान सांसद महाबली सिंह हैं, वे प्रबल दावेदार थे, लेकिन यह सीट अब उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के खाते में चली गयी। इसी तरह शिवहर सीट से बीजेपी की वर्तमान सांसद रमा देवी हैं, लेकिन यह सीट के जदयू के खाते में चली गयी। यहां से लवली आनंद के उम्मीदवार होने की आसार है। इसके साथ ही भागलपुर सीट इस बार भी जदयू के पास है। ऐसे में वहां से प्रबल दावेदार रह चुके बीजेपी के शहनवाज हुसैन की उम्मीदवारी तय नहीं हो सकी। दरभंगा की सीट इस बार भी बीजेपी के पास है। ऐसे में वहां जदयू के संभावित प्रबल दावेदार अली अशरफ फातमी ने पार्टी छोड़ना बेहतर समझा।