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चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर बन रहे कई शुभ योग

आज चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. इस दिन को दुर्गा अष्टमी भी बोला जाता है. कहा जाता है कि जो भी भक्त इस दिन दुर्गा अष्टमी पर उपवास कर मां गौरी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है, उनके जीवन में सभी तरह के कष्टों का नाश होता है.

आज के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. दुर्गा अष्टमी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र में किए गए सभी कार्य सिद्ध होते हैं. आइए जानते हैं दुर्गा अष्टमी पर पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

दुर्गा अष्टमी पर शुभ मुहूर्त

इस बार अष्टमी तिथि की शुरूआत 15 अप्रैल को दोपहर 12:11 मिनट से हुई. वहीं आज यानी की 16 अप्रैल को दोपहर 01:23 मिनट पर इस तिथि की समापन होगी. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन करना बहुत अहम माना जाता है.

कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

महाअष्टमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त सुबह 07:51 मिनट से लेकर सुबह 10:41 मिनट तक रहेगा. वहीं अभिजीत मुहूर्त में भी कन्या पूजन किया जा सकता है. बता दें कि 16 अप्रैल को सुबह 11:55 मिनट से लेकर दोपहर 12:47 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा.

शुभ योग

दुर्गा अष्टमी के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है. सुबह 05:16 मिनट से लेकर 17 अप्रैल को सुबह 05:53 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग रहेगा.

कन्या पूजन विधि

महाअष्टमी के मौके पर कन्या पूजन के लिए कन्याओं को एक दिन पहले आमंत्रित किया जाता है. इस दिन कन्याओं के आने पर पुष्प वर्षा की जाती है और मां दुर्गा के नामों का स्मरण किया जाता है. फिर इन कन्याओं को आसन पर बिठाकर सभी के पैरों को अपने हाथों से धोना चाहिए. इसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए. कन्याओं के माथे पर कुमकुम, अक्षत और पुष्प लगाएं.

मां दुर्गा का स्मरण करते हुए देवी रूपी कन्याओं को इच्छानुसार भोजन कराना चाहिए. फिर सामर्थ्य के अनुसार, कन्याओं को उपहार दें और पैर छूकर उनको आशीर्वाद दें. आप चाहें तो 9 कन्याओं के बीच एक बालक को कालभैरव के रूप में भी बिठा सकते हैं.

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