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पॉलीहाउस में 7 माह तक कर सकते हैं बींस की खेती

किसान यदि भिन्न-भिन्न तकनीक से खेती करें, तो बेहतर कमाई की जा सकती है ऐसे ही एक किसान बांका जिले के कटोरिया प्रखंड भीतर बहदिया गांव निवासी लक्ष्मी नारायण यादव हैं लक्ष्मी नारायण के पास कुल 18 बीघा खेत है इसमें से दो बीघा में उन्होंने पॉलीहाउस लगाया है, जिसमें वे मुख्य रूप से बींस, कद्दू, खीरा, नेनुआ, धनिया की खेती करते हैं जबकि अन्य खेतों में मक्का, गेहूं, मूंग, अरहर की फसल लगाते हैं साथ ही आम की बागवानी भी किए हुए हैं वे कहते हैं कि पथरीली जमीन होने के कारण यहां की भूमि उपजाऊ नहीं थी लेकिन कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने इस भूमि को उपजाऊ बनाया फिर प्रशिक्षण लेकर 75 हजार की लागत से पॉलीहाउस बनवाया आज उनके पास तीन पॉलीहाउस है

पॉलीहाउस में ऐसे उपजाते हैं बींस
किसान लक्ष्मी नारायण यादव को बताते हैं कि वे अपने पॉलीहाउस में मुख्य रूप से बींस की खेती करते हैं इसकी खेती के लिए सबसे पहले पॉलीहाउस में मिट्टी को तैयार कर बेड बनाया जाता है इसे चूना और जैविक खाद मिलाकर तैयार करते हैं इसके बाद बेड को प्लास्टिक से पूरी तरह से ढक दिया जाता है और ग्लास की सहायता से होल बनाकर उसमें दो-दो बीज डाल दिया जाता है इसके 15 से 20 दिन के बाद अंकुरित होकर पौधे बाहर निकलने लगते हैं फिर टपक विधि से सिंचाई की जाती है लक्ष्मीनारायण बताते हैं कि पौधे जब 30 दिनों के हो जाते हैं, तो इसमें से फूल निकलना प्रारम्भ हो जाता है फिर दो से तीन दिन में फलन भी प्रारम्भ हो जाता है

सात माह तक होता है बींस का फलन
किसान श्री यादको आगे बताते हैं कि बींस की खेती 7 महीने तक होती है इसे जनवरी के आरंभ में लगाया जाता है वे बताते हैं कि उन्होंने अपने एक पॉलीहाउस में कुल 12 बेड बनाए हैं इससे एक बार में 1200 किलो तक बींस निकलता है हार्वेस्टिंग के लिए कम से कम तीन से चार दिनों का अंतराल होना जरूरी है उन्होंने कहा कि वे क्षेत्रीय बाजार में होलसेलर को बींस बेचते हैं आरंभ के दिनों में 50 से 60 रुपए किलो का दर मिल जाता है जबकि बाद के दिनों में 30 से 40 रुपए तक का ही दर मिलता है इस तरह से वे सालाना 5 लाख से अधिक की कमाई कर लेते हैं

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