ये सदाबहार औषधीय पौधा, कैंसर-डायबिटीज का हैं रामबाण इलाज
आसानी से हर स्थान मिलने वाला यह पौधा अपने आप में किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। हर स्थान दिखाई देने वाले इस पौधे के बारे में शायद जानकारी न होने के कारण लोग इसे सिर्फ़ अपने घरों में लगाकर, सौंदर्यता की उपमा देते हैं। लेकिन इसके औषधीय गुणों को जानकर शायद आप भी दंग रह जाएंगे। जी हां, मानव जीवन में खुशियों का बहार लाने वाला यह सदाबहार नामक औषधीय पौधा बड़ा ही गुणकारी है। जहां एक तरफ यह अपने सौंदर्यता को प्रदर्शित करता है तो वहीं दूसरी तरफ स्वस्थ मानव जीवन में अहम किरदार भी निभाता है।
तमाम गंभीर रोंगों को जड़ से समाप्त करने में यह पौधा सफल सिद्ध होता है। इस औषधि का नाम ही सदाबहार है। शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक प्रो। डाक्टर आर।वी।एन पांडेय बताते हैं कि यह एक कमाल की औषधि है। कई गंभीर रोंगों में इसका प्रयोग भिन्न-भिन्न ढंग से किया जाता है। इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श इसका प्रयोग ठीक रूप में नहीं किया जा सकता है। यह इतनी जरूरी औषधि है कि डायबिटीज से लेकर के कैंसर जैसी गंभीर रोंगों में भी काफी कारगर साबित होती है।
औषधि का इस्तेमाल और कमाल
डॉ। पांडेय बताते हैं कि आयुर्वेद पद्धति में इन अनेक वनौषधीयों का विशेष महत्व है। सदाबहार बहुत ही गुणकारी, लाभ वाला और जरूरी औषधि है। इसकी पत्तियां और फूल दोनों का ही इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर की कई गंभीर समस्याओं में यह पौधा उपयोगी है। डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याओं में सदाबहार की पत्तियां जहां रामबाण है तो वहीं इसके अतिरिक्त यह गले में इन्फेक्शन, ब्लड प्रेशर, कैंसर और स्किन से जुड़ी समस्याओं में बहुत ही गुणकारी होती है।
डायबिटीज और ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल
प्रतिदिन इसके 10 पत्तियों को चबाने से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसके फूल और पत्तियां दोनों ही उपयोगी है। इसके रस निकालकर भी प्रयोग किया जाता है। इसके पत्तियों को भी चबाने से काफी राहत मिलती है। स्वस्थ मानव जीवन में खुशियों का बहार लाने वाला यह कमाल का पौधा है। इसी कारण इसको सदाबहार के नाम से जाना जाता है। यह औषधि जिले के बांसडीह रोड में स्थित शांति आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के परिसर में मौजूद है। जो जरूरतमंद रोगियों को नि:शुल्क दिया जाता है ताकि आयुर्वेद के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े।
डॉक्टर की राय से लें ठीक डोज
इस औषधि का अपना साइड इफेक्ट भी होता है। अधिक सेवन करना भी हानिकारक हो जाता है। ठीक मात्रा की जानकारी न होने के कारण भी लाभ की स्थान यह जड़ी-बूटियां हानि कर जाती हैं। इन जड़ी बूटियों का ठीक प्रयोग उम्र, शरीर और रोग के हिसाब से आयुर्वेद डॉक्टर ही बता सकते हैं। इसलिए बिना डॉक्टर के परामर्श इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ये हैं इस औषधि का साइड इफेक्ट
इस औषधि को प्रयोग करने का ठीक तरीका मालूम न होने के कारण या अधिक मात्रा में सेवन करने के कारण ये अनेक समस्याएं होने की आसार रहती हैं।
मतली-उल्टी की परेशानी
पेट दर्द का कारण
किडनी और लिवर को भी कर सकता है प्रभावित
ब्लड प्रेशर को भी कर सकता है असंतुलित