आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इन शहरों की बदलेगी सूरत
पूरे राष्ट्र और पूरे विश्व में आज हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। आदमी की हर एक छोटी सी छोटी आवश्यकता से लेकर तकनीक के बड़े-बड़े आयामों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से आज के समय में पूरा किया जा रहा है। हर फील्ड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग प्रारम्भ हो गया है।अब इसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से राष्ट्र के 5 बड़े शहरों को आईआईटी कानपुर के जानकार तस्वीर बदलने का काम करेंगे। राष्ट्र में तो इनको स्मार्ट सिटी का तमगा मिला हुआ है। लेकिन असल में इनको स्मार्ट बनाने और एक सस्टेनेबल सिटी के रूप में परिवर्तित करने के लिए काम किया जाएगा।
केंद्र गवर्नमेंट से मिला है यह प्रोजेक्ट
शिक्षा मंत्रालय की ओर से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से राष्ट्र में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रोजेक्ट जारी किए गए थे। जिसमें एआई फॉर हेल्थ, एआई फॉर एग्रीकल्चर और एआई फॉर सस्टेनेबल सिटी के लिए सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस दिया जाना था। आईआईटी कानपुर द्वारा ए आई फॉर सस्टेनेबल सिटी के लिए आवेदन किया गया था जिसमें आईआईटी कानपुर को इसके लिए चुन लिया गया है। अब 6 महीने तक आईआईटी कानपुर को प्रूफ आफ कॉन्सेप्ट के लिए चुना गया है जिसमें यह अपना प्रोजेक्ट तैयार करके गवर्नमेंट को भेजेंगे जिसके बाद गवर्नमेंट द्वारा इसको सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में तैयार किया जाएगा।
पहले चरण में इन शहरों को किया गया है शामिल
पहले चरण में राष्ट्र से पांच शहरों को शामिल किया गया है जिसमें कानपुर, वाराणसी, चंडीगढ़, बेंगलुरु और मध्य प्रदेश के कुछ शहर शामिल है। इन शहरों को लेकर ऐसे प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से एक शहर में आम लोगों की मूलभूत सुविधाओं को सरलता से लोगों तक पहुंचाने का काम किया जाएगा।
सुविधाओं को सरल बनाने का काम किया जाएगा
आईआईटी कानपुर के डिपार्मेंट आफ सस्टेनेबल एनर्जी एंड सिविल इंजीनियरिंग के वर्क प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के अनुसार शहरों में ईज ऑफ़ लिविंग को सरल बनाने के लिए और जन सुविधाओं को सरलता से उपलब्ध कराने के लिए काम किया जाएगा। इसके लिए हमें पहले इन शहरों में दी जाने वाली जन सुविधाओं के बारे में जानना और समझना पड़ेगा। उसके बाद यह सिस्टम कैसे कम कर रहा है, कैसे लोगों को समस्याएं आ रही है, उनको कैसे दूर किया जा सकता है, इस पर काम किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग करके इन शहर वासियों के लोगों की मूलभूत सुविधाओं और जन सुविधाओं को सरल बनाने का काम किया जाएगा