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न्यूजक्लिक मामले में मुकदमा चलाने के लिए मिली मंजूरी

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को यहां की एक न्यायालय को सूचित किया कि न्यूजक्लिक मुद्दे में आरोपियों के विरुद्ध केस चलाने के लिए उसे सभी जरूरी स्वीकृति मिल गई है. इल्जाम है कि समाचार पोर्टल ने चीन समर्थक प्रचार-प्रसार के लिए पैसे लिए थे.

विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह के मुताबिक, अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 45 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के अनुसार तीन भिन्न-भिन्न स्वीकृति आदेश सुरक्षित किए गए हैं और इन्हें अनुपूरक आरोपपत्र के रूप में दाखिल किया जा रहा है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने इन दलीलों के आलोक में पटियाला हाउस न्यायालय ने मुद्दे को 30 अप्रैल के लिए टाल दिया.

अदालत सुनवाई की अगली तारीख पर निर्णय करेगी कि मुद्दे में दाखिल आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं.

न्यायाधीश ने बोला कि मुद्दे पर संज्ञान लेने से पहले उन्हें आरोपपत्र पढ़ना होगा.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 30 मार्च को यूएपीए के प्रावधानों के अनुसार न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के विरुद्ध 9,000 से अधिक पन्नों की अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की.

अभियोजकों ने पहले बोला था कि यूएपीए की धारा 45 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के अनुसार स्वीकृति का प्रतीक्षा किया जा रहा है. इसे जल्द ही पूरक आरोपपत्र के रूप में दाखिल किया जाएगा.

प्रबीर पुरकायस्थ के साथ-साथ पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड (न्यूज पोर्टल) को भी आरोपी बनाया गया है.

प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी गई है.

अदालत ने 9 जनवरी को अमित चक्रवर्ती को मुद्दे में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी, क्योंकि उन्होंने माफी मांगते हुए एक आवेदन दाखिल किया था.

उन्होंने दावा किया कि उनके पास जरूरी जानकारी है, जिसका वह दिल्ली पुलिस के सामने खुलासा करना चाहते हैं.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आरोपपत्र में जांच के दौरान मारे गए विभिन्न छापों के दौरान बरामद किए गए 480 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में भी जानकारी है.

सूत्रों ने कहा कि प्रबीर पुरकायस्थ पर राष्ट्र को अस्थिर करने के लिए विदेशी फंड लेने का इल्जाम लगाया गया है.

सूत्रों ने आईएएनएस को कहा कि प्रबीर पुरकायस्थ की पहचान पहले संदिग्ध के रूप में की गई है, जबकि अमित चक्रवर्ती को गवाह बनाया गया है.

सूत्रों ने बोला कि आरोपपत्र में इल्जाम लगाया गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने मनगढ़ंत कहानियां गढ़कर और 2019 के लोकसभा चुनावों को बाधित करने का कोशिश करके राष्ट्र की स्थिरता को कमजोर करने के लिए धन लिया.

पिछले वर्ष 17 अगस्त को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, एक जटिल मार्ग के जरिए चीन से बड़ी मात्रा में रकम गुप्त रूप से हस्‍तांतरित की गई थी.

इस पैसे का इस्तेमाल समाचार लेखों को प्रसारित करने के लिए किया गया था, जिसमें जानबूझकर हिंदुस्तान की घरेलू नीतियों और विकासात्मक पहलों की निंदा की गई थी, जबकि चीनी गवर्नमेंट की नीतियों और पहलों का समर्थन, वकालत और बचाव किया गया था.

सूत्रों ने कहा कि न्यूजक्लिक पर इल्जाम है कि उसे विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली.

 

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