मणिपुर की रैली में बोले गृहमंत्री अमित शाह
इंफाल, 15 अप्रैल (आईएएनएस). केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अमित शाह ने सोमवार को बोला कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट की अहमियत शांति स्थापित करना और मणिपुर में सभी समुदायों के बीच एकता सुनिश्चित करना है.
इंफाल के हप्ता कांगजीबुंग पैलेस परिसर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने बोला कि इस बार का चुनाव मणिपुर को एकजुट करने और राज्य के विभाजन का विरोध करने के लिए है.
रैली में हजारों लोगों की तालियों के बीच गृहमंत्री ने सभा में कहा, “हम किसी भी मूल्य पर मणिपुर को विभाजित नहीं होने देंगे.”
पिछले वर्ष 3 मई को मणिपुर में जातीय दंगे प्रारम्भ होने के बाद से कुकी-ज़ोमी समुदायों से संबंधित 10 आदिवासी विधायक और इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम और कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम) सहित कई प्रमुख आदिवासी संगठन अलग प्रशासन या एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं.
यह दावा करते हुए कि पूर्वोत्तर राज्य की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलने के लिए घुसपैठ के कोशिश किए जा रहे हैं, शाह ने बोला कि आनें वाले संसदीय चुनाव मणिपुर को विभाजित करने की प्रयास करने वाली ताकतों और राज्य को एकजुट रखने के कोशिश करने वालों के बीच एक लड़ाई है.
शाह ने कहा, “पीएम मोदी हमेशा कहते थे कि राष्ट्र की किस्मत तब बदलेगी, जब पूर्वोत्तर और मणिपुर की किस्मत बदलेगी.”
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी न सिर्फ़ क्षेत्र और राष्ट्र का विकास कर रहे हैं, बल्कि मणिपुर और हिंदुस्तान की भी रक्षा कर रहे हैं. दो लोकसभा सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगी को दिए गए आपके वोट से पूरी दुनिया को यह साफ हो जाएगा कि राज्य की जनता किस पर भरोसा करती है.”
यह इल्जाम लगाते हुए कि केंद्र और राज्य दोनों में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान मणिपुर के विकास के लिए गंभीरता से कुछ नहीं किया गया, गृहमंत्री ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट राज्य के समग्र विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये प्रदान कर रही है. इंफाल-मोरेह रेलवे लाइन के लिए 1,300 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये और इंफाल को जोड़ने के लिए निर्माणाधीन रेलवे लाइनों के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.
शाह ने बोला कि पिछली कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने भी उन तत्कालीन राजाओं के सम्मान और स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए कुछ नहीं किया, जिन्होंने मणिपुर के हितों के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी.
गृहमंत्री ने बोला कि कांग्रेस पार्टी शासन के दौरान मणिपुर को 39,000 करोड़ रुपये मिले, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट ने इसे चार गुना बढ़ाया और कई परियोजनाओं और योजनाओं को लागू करने के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए.
उन्होंने बोला कि केंद्र ने मणिपुर के मूल लोगों की सुरक्षा के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली भी लागू की है.
रैली में मणिपुर के सीएम एन। बीरेन सिंह, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदिमयुम शारदा देवी, शिक्षा मंत्री और इनर मणिपुर सीट थौनाओजम से बीजेपी उम्मीदवार बसंत कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने भी लोगों को संबोधित किया.
3 मई को मणिपुर में अत्याचार भड़कने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने पिछले वर्ष 29 मई से 1 जून तक चार दिनों के लिए राज्य का दौरा किया और निपटने के तरीकों की घोषणा करने से पहले शीर्ष अधिकारियों, राजनेताओं, गैर सरकारी संगठनों के साथ कई बैठकें कीं.
मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव होंगे.
आंतरिक मणिपुर सीट पर छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि आदिवासियों के लिए आरक्षित बाहरी मणिपुर सीट पर चार उम्मीदवार मैदान में हैं.
आंतरिक मणिपुर सीट पर बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र के कुछ हिस्सों के साथ 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा.
बाहरी मणिपुर के शेष हिस्सों में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा.
भाजपा ने आंतरिक मणिपुर में थौनाओजम बसंत कुमार सिंह को मैदान में उतारा है और आदिवासियों के लिए आरक्षित बाहरी मणिपुर सीट पर एनपीएफ उम्मीदवार के। टिमोथी जिमिक को समर्थन दिया है.
विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाले इण्डिया गठबंधन ने आंतरिक मणिपुर सीट के लिए अंगोमचा बिमोल अकोइजाम को मैदान में उतारा है, जबकि अल्फ्रेड कन्नगम एस। आर्थर को बाहरी मणिपुर (एसटी) से मैदान में उतारा गया है.