गौरव वल्लभ कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में हुये शामिल
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस पार्टी पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। एक-एक बाद नेता पार्टी का हाथ छोड़कर भाजपा का साथ पकड़ रहे हैं। गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ भी कांग्रेस पार्टी से त्याग-पत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए। तेज-तर्रार वक्ता माने जाने वाले गौरव वल्लभ अपने तर्क से कई बार विरोधियों का मुंह बंद कर चुके हैं। लेकिन इस बार उनके दांव ने पार्टी को ही चित कर दिया।
दरअसल गौरव वल्लभ ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक खत लिखा, जिसमें उन्होंने बोला कि जिस दिशा में पार्टी आगे बढ़ रही है, उससे वह असहज महसूस कर रहे हैं। पिछले कई महीनों से वह पार्टी की तरफ से टीवी डिबेट में भी नजर नहीं आ रहे थे ना ही उनकी काफी समय से प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। तभी से अंदरखाने कयासों के दौर लगने लगे थे कि गौरव वल्लभ पार्टी से नाराज हैं। आइए आपको बताते हैं कि गौरव वल्लभ कौन हैं और उनका अब तक का राजनीतिक यात्रा कैसा रहा।
अगर चुनावों की बात करें तो दो बार गौरव वल्लभ चुनावी दंगल में उतरे हैं और दोनों ही बार उनको हार का सामना करना पड़ा। पहले उन्होंने 2019 में झारखंड के जमशेदपुर से चुनाव लड़ा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों उनको हार नसीब हुई। इसके बाद 2023 में वह राजस्थान के विधानसभा चुनाव में उदयपुर से उतरे और भाजपा के ताराचंद जैन ने उनको 32 हजार से अधिक वोटों से मात दी।
जब संबित पात्रा को फंसाया 0 के फेर में
गौरव वल्लभ उस समय अचानक सुर्खियों में छा गए थे, जब डिबेट के दौरान उनके एक प्रश्न ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा की बोलती बंद कर दी थी। दरअसल मोदी गवर्नमेंट 5 ट्रिलियन $ इकोनॉमी का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसी को लेकर जब वल्लभ ने पात्रा से पूछा कि 5 ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं। पात्रा से कई बार वल्लभ ने यह पूछा, मगर वो टालते रहे। इसके बाद गौरव वल्लभ ने स्वयं कहा कि 5 ट्रिलियन में 12 जीरो होते हैं।
आखिर क्यों छोड़ी कांग्रेस
गौरव वल्लभ ने जो पार्टी अध्यक्ष खड़गे को खत लिखा है, उसमें उन्होंने बोला कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते और ना ही ‘वेल्थ क्रिएटर्स’ (पूंजी का सृजन करने वालों) को गाली दे सकते हैं। वल्लभ ने रिजाइन लेटर में दावा किया, वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस पार्टी का रुख हमेशा वेल्थ क्रिएटर्स को नीचा दिखाने वाला रहा है और राष्ट्र में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नेगेटिव रहा है। उनका बोलना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे। भाजपा में शामिल होने के बाद वल्लभ ने कांग्रेस पार्टी की आर्थिक नीतियों को लेकर उस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस निजीकरण, उदारीकरण, वैश्वीकरण को गाली देती है जबकि पूर्व पीएम चिकित्सक मनमोहन सिंह और पी वी नरसिम्हा राव ने इसे आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘उन नीतियों को गाली…, कोई व्यवसाय करे, उसे गाली… कोई विनिवेश में सहभागिता करे, उसको गाली… एयर इण्डिया को कोई कंपनी खरीदे तो वह गलत… आज आप इसलिए निजीकरण, उदारीकरण और वैश्वीकरण को गलत बोलते हो क्योंकि एक ऐसे शख्स इन्हें आगे लेकर जा रहे हैं जिन्हें आपको सुबह से शाम तक गाली देनी है।‘
वल्लभ ने आगे बोला कि राष्ट्र में संपत्ति का सृजन क्राइम नहीं हो सकता। वल्लभ ने बोला कि उन्होंने हमेशा मुद्दों पर आधारित राजनीति की और मोदी के विकसित हिंदुस्तान के एजेंडे से आकर्षित हुए हैं। उन्होंने बोला कि वह हमेशा से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहते थे और प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में नहीं जाने के कांग्रेस पार्टी के निर्णय को वह स्वीकार नहीं कर सकते। कांग्रेस पार्टी नेताओं और उसके सहयोगियों ने सनातन धर्म पर प्रश्न उठाए लेकिन पार्टी ने कोई उत्तर नहीं दिया।