IMD की तरफ से पश्चिमी विक्षोभ के कारण इन राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि रहेगी जारी
Wheat Price: पिछले दिनों हुई बारिश से गेहूं और दूसरी रबी फसलों पर किसी तरह के असर की रिपोर्ट नहीं है। देशभर के भिन्न-भिन्न राज्यों में कटाई पूरे जोरशोर से जारी है। कृषि मंत्रालय के ऑफिसरों की तरफ से यह जानकारी दी गई। हिंदुस्तान मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की तरफ से की गई भविष्यवाणी में कहा गया कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि जारी रहेगी। आईएमडी (IMD) के अनुसार, 18-21 अप्रैल के बीच एक ताजे पश्चिमी विक्षोभ की तरफ से उत्तर पश्चिम हिंदुस्तान को प्रभावित करने की आसार है।
चावल की फसल को सहायता मिलेगी
इसके अतिरिक्त पूर्वी बिहार, पूर्वोत्तर असम, रायलसीमा और दक्षिण तमिलनाडु पर बने एक चक्रवाती परिसंचरण के कारण भिन्न-भिन्न स्थानों पर भारी बारिश, आंधी के साथ बिजली गिरने का भी खतरा है। कृषि आयुक्त पी के सिंह ने बताया, ‘फिलहाल, बारिश के कारण गेहूं और अन्य फसलों को हानि की किसी तरह की रिपोर्ट नहीं है। वास्तव में इस बारिश से चावल जैसी जायद (ग्रीष्मकालीन) फसलों को सहायता मिलेगी।’
पंजाब-हरियाणा में गेहूं की कटाई अभी प्रारम्भ हुई
गेहूं की फसल पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ के संभावित असर पर आईसीएआर-भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा, ‘आने वाले दिनों में इन राज्यों में संभावित बारिश या तूफान से फसल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस समय चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’ उन्होंने बोला कि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की कटाई अभी प्रारम्भ हुई है। सिंह ने कहा, ‘एक हफ्ते के अंदर, दोनों राज्यों में करीब 95 फीसदी गेहूं की फसल काट ली जाएगी। कटाई तेजी से की जाती है क्योंकि किसान कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह हम काफी बेहतर स्थिति में हैं।’
इस बार उत्पादकता का स्तर काफी अच्छा
आईसीएआर-आईआईडब्ल्यूबीआर के निदेशक ने बोला कि इस बार उत्पादकता का स्तर काफी अच्छा है, जिससे फसल साल 2023-24 (जुलाई-जून) में 11.4 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन हुआ है। देर से बोई गई गेहूं की फसल, जो इस वर्ष कुल तीन करोड़ 41.5 लाख हेक्टेयर रकबे के 15 फीसदी भाग में बोई गई है, एक हफ्ते के समय में कटाई के लिए तैयार हो जाएगी। उन्होंने बोला कि यह फसल अच्छी तरह से परिपक्व हो गई है।