राष्ट्रीय

JNU की एक छात्रा ने कैंपस के मेन गेट पर शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना

जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) की एक छात्रा ने कैंपस के मेन गेट पर अनिश्चितकालीन धरना प्रारम्भ कर दिया है. छात्रा का इल्जाम है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने उसके साथ हुई यौन शोषण के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं लिया है.

31 मार्च की रात यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रा के साथ हुआ यौन उत्पीड़न
छात्रा का बोलना है कि 31 मार्च को यूनिवर्सिटी कैंपस में JNU रिंग रोड में रात में 2 बजे वो अपनी दोस्त के साथ टहल रही थी. इस दौरान चार लोगों के उन दोनों का पीछा किया. इनमें से दो लोग बाइक में थे और दो कार से उनका पीछा कर रहे थे. कार में बैठे दोनों लोग यूनिवर्सिटी के ही स्टूडेंट्स रह चुके हैं. इस दौरान उनके साथ यौन शोषण किया गया.

छात्रा की कम्पलेन के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मुद्दे में जांच करने का आदेश दिया था. छात्रा का इल्जाम है कि यौन शोषण को अंजाम देने वाले चारों लोग अब भी यूनिवर्सिटी में घूम रहे हैं.

छात्रा बोली – 30 घंटे में भी नहीं लिया गया कोई एक्शन
छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए बोला – इस हादसे को 30 घंटे से अधिक समय बीच चुका है. मैंने 30 घंटे पहले कम्पलेन की थी लेकिन अब तक इस मुद्दे में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. केवल औपचारिकता के तौर पर हल्की पूछताछ की गई है.

मैं और मेरे दोस्त अपनी क्लासेस छोड़कर एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग के चक्कर काट रहे हैं. हम आदमी के लिए जो कर सकते हैं वो सब कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद इस घटना को अंजाम देने वाले लोग यूनिवर्सिटी कैंपस में ही खुले घूम रहे हैं.

मेरे साथ हॉस्टल में रहते हैं आरोपी, मैं सुरक्षित नहीं हूं : पीड़ित छात्रा
छात्रा ने यूनिवर्सिटी कैंपस में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता भी जारी की है. छात्रा का बोलना है कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया वो मेरे हॉस्टल में ही रहते हैं और मुझे भी यहीं रहना पड़ रहा है.

जहां वो लोग मेरे सामने हैं, मुझे उसी हॉस्टल में, उसी कॉरिडोर में और उसी मेस में बार-बार उन लोगों का सामना करना पड़ता है जिन्होंने मेरा शोषण किया और इस वजह से मैं मानसिक तौर पर काफी परेशान हूं.

चीफ प्रॉक्टर बोले- कमिटी जांच कर रही है, जल्द होगी कार्रवाई
इस मुद्दे में यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर सुधीर कुमार का बोलना है कि तीन मेंबर्स की कमिटी इस मुद्दे की जांच कर रही है. इस घटना के लिए जो भी उत्तरदायी लोग हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. हमनें इस संबंध में डीन ऑफ स्टूडेंट्स से भी वार्ता की है ताकि छात्रा को महत्वपूर्ण सहायता और देखभाल दी जा सके.

मामले की कार्रवाई की जा रही है. प्रोसेस पूरी होने में समय लगता है. उन्होंने बोला कि हमें आरोपी को भी अपना पक्ष रखने के लिए समय देना है. उन्होंने ये भी बोला जिन दो स्टूडेंट्स पर इल्जाम लगाए गए हैं, उन्हें पहले ही आउट ऑफ बाउंड फ्रॉम कैंपस डिक्लेयर कर दिया गया है यानि इन स्टूडेंट्स को कैंपस में एंट्री नहीं मिल सकती.

छात्रा बोली- मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी एडमिनिस्ट्रेशन को लेनी चाहिए
पीड़ित छात्रा ने एडमिनिस्ट्रेशन से साबरमती हॉस्टल में रह रहे आरोपी को हॉस्टल और यूनिवर्सिटी से बाहर कर उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने और उसके विरुद्ध आउट ऑफ बाउंड ऑर्डर जारी करने की गुहार की है. छात्रा का बोलना है कि एडमिनिस्ट्रेशन को उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए.

छात्रा ने कहा- JNUSU से नहीं मिला सपोर्ट
छात्रा ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स यूनियन के प्रति भी नाराजगी जाहिर की है. छात्रा का बोलना है कि JNUSU की तरफ से उसे कोई सपोर्ट नहीं मिला इसलिए उसने अकेले अपने दम पर ही शोषण के विरुद्ध आवाज उठानी पड़ी.

इस बारे में छात्रा ने कहा- JNUSU ने इस मुद्दे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया. मैं एडमिनिस्ट्रेशन के साथ फॉर्मैलिटीज पूरी कर रही थी और JNUSU बिना मुझसे मिले या मेरा पक्ष जाने चीफ प्रॉक्टर के पास गए थे.

इस मुद्दे में JNUSU का बोलना है कि जिन लोगों पर छात्रा ने इल्जाम लगाया गया है वो ABVP से जुड़े हुए हैं. हालांकि, ABVP ने इस बात से मना किया है.

 

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