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LS Election 2024: जाति से आगे गोत्र और क्षेत्र तक पहुंची चुनावी लड़ाई

चुनाव राष्ट्र और फेस का चुनाव माने जाते हैं लेकिन राजस्थान में हो रहे इन चुनावों पर प्रारम्भ से ही जाति का रंग चढ़ चुका है. कई सीटों पर तो बात जाति से आगे निकलकर गौत्र और क्षेत्र तक जा पहुंची है.

दौसा लोकसभा क्षेत्र में पीएम मोदी के रोड शो के बाद भी भाजपा प्रत्याशी और इनके स्टार प्रचारकों की सभा में भीड़ नहीं जुटना भाजपा नेताओं के लिए चिंता का सबब बन चुका है. यहां तक कि जिन किरोड़ीलाल मीणा के एक इशारे पर लाखों की भीड़ इकट्ठी हो जाती थी, उनकी सभा कल खाली पड़ी रही और भीड़ नहीं आने से नाराज किरोड़ी मंच छोड़कर चले गए. दौसा में भाजपा ने मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर उनकी स्थान कन्हैयालाल मीणा को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस पार्टी ने मौजूदा विधायक मुरारीलाल मीणा को टिकट दिया है.

दोनों प्रत्याशी एक ही जाति से आते हैं लेकिन यहां लड़ाई जाति के अंदर गोत्र और क्षेत्र तक जा पहुंची है. मुरारीलाल मीणा जौरवाल गौत्र से हैं और दौसा के मीणा समुदाय में यह गौत्र बहुसंख्यक है. वहीं कन्हैयालाल मीणा का गौत्र अलग है. उनके गौत्र की अधिक संख्या बस्सी विधानसभा में है. दोनों के भिन्न-भिन्न गौत्र ने यह लड़ाई क्षेत्र तक बढ़ा दी है. हालांकि राजस्थान की दूसरी लोकसभा सीटों में से कइयों पर एक ही जाति के प्रत्याशी आमने-सामने हैं लेकिन गौत्र और क्षेत्र की लड़ाई जितनी इस सीट पर है, उतनी कहीं पर भी नहीं.

कन्हैयालाल मीणा और मुरारी के बीच गौत्र के साथ-साथ क्षेत्र की भी लड़ाई है. कन्हैयालाल मीणा दौसा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली बस्सी विधानसभा से आते हैं, वहीं मुरारी मीणा इसी लोकसभा की दौसा विधानसभा सीट से विधायक हैं. दौसा में बस्सी सबसे आउटर एरिया माना जाता है. भौगोलिक रूप से भी दौसा जयपुर से अधिक कनेक्टेड है. इसलिए दौसा के लोग बस्सी को दौसा से कम ही कनेक्ट मानते हैं और यही कारण है कि कन्हैयालाल मीणा पर आउट साइडर होने का ठप्पा भी लगाया जा रहा है.

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