राष्ट्रीय

मुख्तार अंसारी के वकील ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर माफिया सरगना की मौत को लेकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की…

नई दिल्ली. माफिया मुखिया मुख्तार अंसारी की मृत्यु का मुद्दा अब न्यायालय में पहुंच गया है. मुख्तार अंसारी के वकील ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर माफिया मुखिया की मृत्यु को लेकर केस दर्ज करने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी की मृत्यु को लेकर अनेक प्रश्न खड़े हो रहे हैं. मुख्तार अंसारी के परिजनों समेत अनेक राजनीतिक दल इसे एक षड्यंत्र बताते हुए जांच की मांग कर रहे हैं. इसी बीच मुख्तार अंसारी के फर्जी एंबुलेंस और गैंगस्टर मुद्दे की पैरवी कर रहे वकील रणधीर सिंह सुमन ने बड़ी मांग उठाई है.

मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने गैंगस्टर मुद्दे की पेशी के दौरान बाराबंकी एमपी-एमएलए न्यायालय नंबर 4 में प्रार्थना पत्र देकर मुख्तार अंसारी की मृत्यु मुद्दे में केस दर्ज करने का आदेश पारित करने की मांग उठाई. उन्होंने प्रार्थना पत्र देते हुए बोला कि 21 मार्च की पेशी के दौरान मुख्तार की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र को मृत्युकालीन कथन मानकर एफआईआर दर्ज की जाए.

वकील रणधीर सिंह सुमन ने बोला कि उस प्रार्थना पत्र में  मुख्तार अंसारी ने बीते 19 मार्च को खाने में जहरीला पदार्थ खिलाने का जिक्र किया था. इसलिये बांदा जिला जेल के सभी सीसीटीवी और वॉल कैमरे फुटेज सुरक्षित की जाए. साथ ही निरीक्षण के नाम पर कारावास में रात को आने वाले सभी ऑफिसरों की इंट्री को भी संरक्षित किया जाए. इस सुनवाई के दौरान बांदा कारावास अधीक्षक वीरेश राज शर्मा वर्चुअली पेश हुए और उन्होंने मुख्तार अंसारी की मृत्यु पुष्टि की. उन्होंने मुख्तार अंसारी की मृत्यु को नेचुरल डेथ कहा जबकि अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने कारावास अधीक्षक के दावे को गलत बताया. जिस पर न्यायधीश कमलकांत श्रीवास्तव ने कारावास अधीक्षक को अगली तारीख 4 अप्रैल को डेथ सर्टिफिकेट जमा कराने का निर्देश दिया

वहीं मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने अपने पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उसने जल्द सुनवाई की मांग की है. जबकि मुख्तार अंसारी की मृत्यु पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बोला कि ‘मेडिकल जांच हो चुकी है, न्यायिक जांच मांगी जाएगी तो वो भी हो जाएगी. आज कल 25 वर्ष के युवा या 35 वर्ष के लोग को आर्ट अटैक आ जाता है. जो भी हुआ है, वो सच सामने आ गया है. सपा, कांग्रेस पार्टी और बीएसपी बताएं कि उनको कौन संरक्षण देता था…ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button