राष्ट्रीय

आज प्रवर्तन निदेशालय राऊज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल को करेगा पेश

नई दिल्ली, 28 मार्च (हि). प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली गवर्नमेंट की कथित आबकारी नीति भ्रष्टाचार मुकदमा में 21 मार्च को अरैस्ट किए गए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को आज राजधानी के राऊज एवेन्यू न्यायालय परिसर में स्पेशल न्यायधीश कावेरी बावेजा की न्यायालय में पेश करेगा. 23 मार्च को न्यायालय ने केजरीवाल को गुरुवार तक की प्रवर्तन निदेशालय हिरासत में भेजा था. आज केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय हिरासत समाप्त हो रही है.

तेईस मार्च को निदेशालय की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने बोला था कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता हैं. प्रवर्तन निदेशालय को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम डॉक्यूमेंट्स मिले हैं. विजय नायर केजरीवाल के पास दिल्ली गवर्नमेंट के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे. उन्होंने साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच मध्यस्थ की किरदार निभाई. केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से घूस की मांग की थी. इस बात की पुष्टि बयानों से होती है. केजरीवाल ने के कविता से भी मुलाकात की थी. आम आदमी पार्टी के पीछे अरविंद केजरीवाल का दिमाग है. वे इसकी प्रमुख गतिविधियों को संचालित करते हैं. वे राष्ट्रीय संयोजक हैं.

उन्होंने बोला था कि आबकारी नीति को आम आदमी पार्टी के गोवा चुनाव में फंडिंग के लिए बदला गया. आबकारी भ्रष्टाचार मुद्दे में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मिटाया गया. कई मोबाइल टेलीफोन नष्ट किए गए या फॉर्मेट किए गए.इसके बावजूद केंद्रीय जांच एजेंसी ने आश्चर्यजनक काम किया है. केजरीवाल समन के पहले अरैस्ट नहीं किए गए हैं. कब किसको अरैस्ट करना है यह जांच अधिकारी के दायरे में आता है. ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे कोई यह कहे कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 19 के प्रावधानों का उल्लंघन कर की गई है.

इस पर केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बोला था कि हिरासत स्वत: नहीं होती . हिरासत के लिए धारा 19 को संतुष्ट करना होता है. दूसरे कानून में गुनेहगार शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में गुनेहगार शब्द का इस्तेमाल किया गया है. हिरासत की आवश्यकता बतानी होती है. प्रवर्तन निदेशालय को अरैस्ट करने का अधिकार है पर इसका मतलब यह नहीं कि उसे अरैस्ट करने की आवश्यकता भी होनी चाहिए. हिरासत मांगने की पूरी अर्जी कुछ पैरा को छोड़कर अरैस्ट करने की वजह की कॉपी पेस्ट है.

उल्लेखनीय है कि 21 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी से संरक्षण नहीं मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को देरशाम केजरीवाल को पूछताछ के बाद अरैस्ट कर लिया था. उच्च न्यायालय ने 27 मार्च को भी केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button