जलजला लाएंगे किसान! सरकार को दे डाली बड़ी चेतावनी

नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ अभी भी किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। किसान लगातार 14वें दिन धरना दे रहे हैं। इस बीच किसान संगठनों द्वारा सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया है। साथ ही अपने आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। इस बार किसान दिल्ली-यूपी हाइवे और राजस्थान के हाइवे को ठप करने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली में नाकेबंदी करने की भी खबरें हैं।
किसानों ने दी ये चेतावनी
आज सरकार ने किसानों के सामने नौ सूत्रीय प्रस्ताव रखा था। सरकार ने यह ड्राफ्ट 13 संगठन नेताओं को भेजा था। किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को हमने पढ़ा और उन्हें नामंजूर कर दिया है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार द्वारा तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तो वो इस आंदोलन को उग्र कर देंगे। किसान 14 दिसंबर को नया धरना देंगे।
जयपुर-दिल्ली हाइवे को किया जाएगा ब्लॉक
कानूनों के विरोध में सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली हाइवे को ब्लॉक किया जाएगा। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि हमने सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव ठुकरा दिए हैं। वहीं किसानों का समर्थन कर रहे नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि सरकार की ओर से मीटिंग में जो भरोसे दिए गए थे, वह इन प्रस्तावों में ठीक तरह से नहीं लिखे गए हैं। सरकार द्वारा नौ प्रस्तावों में थोड़े-बहुत बदलाव किए गए हैं। यादव ने कहा कि जल्द ही देश भर के किसान इस आंदोलन से जुड़ेंगे।
कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों को आज सरकार की तरफ से लिखित प्रस्ताव मिला था। जिसमें सरकार ने MSP मंडी सिस्टम पर अपनी ओर से कुछ संशोधन सुझाए थे। किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि देश भर में प्रदर्शन जारी रहेगा। हम पूरे देश में आंदोलन को और तेज करेंगे। इसके अलावा दिल्ली-यूपी हाइवे और राजस्थान के हाइवे को भी ठप करने की बात कही है।
हम अपनी बातों पर डटे रहेंगे
किसानों ने सरकार पर कई आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना है कि वे अंबानी और अडानी के प्रोडक्ट का बहिष्कार करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह सम्मान का मुद्दा है। अगर सरकार अपनी जिद पर अड़ी है तो हम भी अपनी बातों पर डटे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कानून को वापस लेना ही चाहिए।