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खेलो इंडिया अभियान के तहत खेलने वाले खिलाड़ी सरकारी नौकरी पाने के लिए होंगे योग्य :अनुराग ठाकुर

नई दिल्ली . भारतीय खिलाड़ियों को केंद्र गवर्नमेंट की तरफ से बड़ा तोहफा दिया गया है. खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसको लेकर जो घोषणा की, वह सभी खिलाड़ियों के लिए अच्छी-खबर लेकर आया है.

अनुराग ठाकुर ने इस बात की घोषणा कर दी कि अब खेलो इण्डिया अभियान के अनुसार खेलने वाले खिलाड़ी सरकारी जॉब पाने के लिए योग्य होंगे. सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर अनुराग ठाकुर ने एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी.

इस पोस्ट में अनुराग ठाकुर ने साफ लिखा है कि इसके जरिए गवर्नमेंट की प्रयास है कि वह खेल महाशक्ति के रूप में हिंदुस्तान का निर्माण करे. इसके साथ ही इसके जरिए एथलीटों को समर्थन मिले ताकि वह खेलों के साथ जुड़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो सके.

दरअसल, इस घोषणा का सबसे अधिक लाभ पंजाब और हरियाणा को मिलने वाला है क्योंकि यहां से सबसे अधिक खिलाड़ी निकलकर सामने आते हैं और ओलंपिक खेलों में भिन्न-भिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेते और मेडल हासिल करते हैं. केंद्र गवर्नमेंट की तरफ से खेलो इण्डिया के अनुसार जॉब की घोषणा यहां के युवाओं को खेल के प्रति और भी प्रोत्साहित करने वाला होगा. जहां एक तरफ पंजाब और हरियाणा के प्रदर्शनकारी केंद्र गवर्नमेंट के विरुद्ध सड़कों पर उतरे हुए हैं.

वहीं, केंद्र गवर्नमेंट इन राज्यों के युवाओं के भविष्य को खेल के माध्यम से संवारने की पुरजोर प्रयास में लगी हुई है. वैसे राष्ट्र के युवाओं की खासकर जिनका खेलों के प्रति आकर्षण अधिक है, उनके लिए गवर्नमेंट की यह प्रबंध उनके भविष्य के निर्माण के लिए सबसे सशक्त माध्यम बनने वाला है.

खेलो इण्डिया गेम्स का वर्ष 2018 में पहली बार आयोजन किया गया था. ऐसे में अब इसमें एक बड़ा परिवर्तन किया गया है. अब इस खेलो इण्डिया गेम्स में मेडल जीतने वाले एथलीट के लिए सरकारी जॉब के लिए लागू करने के दरवाजे खोल दिए गए हैं. पहले ये खिलाड़ी जॉब पाने के लिए योग्य नहीं थे. ऐसे में अब खेलो इण्डिया के अनुसार जिसमें यूथ गेम्स, यूनिवर्सिटी गेम्स, पैरा गेम्स और विंटर गेम्स शामिल है, इसके खिलाड़ी सरकारी जॉब के लिए योग्य होंगे.

सरकार की तरफ से पहले भी खेल गतिविधि को बढ़ावा देने और युवाओं को खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए कई योजनाओं को चलाया गया है. इसके साथ ही गवर्नमेंट की तरफ से इसके लिए हजारों करोड़ रुपए के निवेश की भी घोषणा की जा चुकी है.

5 वर्ष पहले गवर्नमेंट की तरफ से प्रारम्भ हुआ ‘खेलो इंडिया’ अभियान राष्ट्र के करोड़ों लोगों के बीच प्रसिद्ध है. इस ‘खेलो इंडिया’ अभियान के जरिए हजारों खिलाड़ियों ने अब तक प्रशिक्षण हासिल किया, प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. इसके साथ ही राष्ट्र के एथलीटों ने ‘खेलो इंडिया’ की वजह से ही ओलंपिक से लेकर एशियन गेम्स और पैरा एशियन गेम्स में हिंदुस्तान के लिए मेडल जीते.

सरकार के इन प्रयासों का ही नतीजा रहा कि सामान्य युवा ही नहीं पैरा खेलों में शामिल होने वाले खिलाड़ियों ने भी कुछ सालों में हिंदुस्तान के लिए बहुत बढ़िया प्रदर्शन विश्व के मंच पर किया है. टोक्यो पैरालम्पिक 2021 में तो राष्ट्र के पैरा खिलाड़ियों ने 19 पदक जीतकर इतिहास रच दिया. इसके बाद हांगझोऊ पैरा एशियाई खेलों में हमारे राष्ट्र के खिलाड़ियों ने रिकॉर्ड 111 पदक जीते.

एशियाड को मिलाकर यह 7वीं बार है, जब हिंदुस्तान ने 50 से अधिक पदक जीते हैं. वहीं, एशियाड में हिंदुस्तान ने इस बार अब तक सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सबसे अधिक 29 मेडल एथलेटिक्स में जीते हैं. इसमें 6 गोल्ड, 14 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.

धीरे-धीरे गवर्नमेंट के प्रयासों से यह खेलो इण्डिया खेल नहीं बल्कि एक जन आंदोलन बन गया है. पिछले पांच वर्ष में गवर्नमेंट ने 11 खेलो इण्डिया खेलों का सफल आयोजन करा लिया है. क्योंकि मोदी गवर्नमेंट हिंदुस्तान को खेलों में सुपर पावर बनाने के कोशिश में लगी हुई है.

खेलो इण्डिया अभियान के भीतर गवर्नमेंट की तरफ से 3,000 खिलाड़ियों को तैयार किया जाता है. जिस पर प्रति खिलाड़ी गवर्नमेंट 6 लाख से अधिक रुपए खर्च करती है. इसके साथ ही खेलो इण्डिया अभियान के लिए देशभर में गवर्नमेंट 1,000 के करीब केंद्र खोल चुकी है. मतलब साफ है कि पिछले 9 वर्ष में मोदी गवर्नमेंट ने खेलों का बजट बढ़ाया है, खेलों को रोजगार से जोड़ा है.

 

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