उत्तर प्रदेश

एटा-कासगंज से सपा प्रत्याशी देवेंद्र शाक्य ने किया नामांकन, बोले…

एटा-कासगंज से सपा के प्रत्याशी देवेश शाक्य ने आज कासगंज कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल किया. इसके बाद उन्होंने बोला कि जनता ने उनको चुनने का मन बना लिया है. एटा लोकसभा के समाजवादी पार्टी नेताओं के भाजपा ज्वाइन करने पर उन्होंने बोला कि जनता सब जानती है. इसका कोई हानि नहीं होगा. उन्होंने बोला कि पिछले 15 वर्षों में राजवीर सिंह और उनके पिता कल्याण सिंह एटा से सांसद रहे, लेकिन आज में जब क्षेत्र में जाता हूँ तो कोई विकास नहीं दिखता. उनकी किसी से जंग नहीं है. एटा की जनता इस बार बीजेपी का सूपड़ा साफ करना चाहती है. आज बेरोजगारी सबसे बड़ी परेशानी है. यदि सपा और इण्डिया गठबंधन की गवर्नमेंट बनती है तो सबसे अधिक ध्यान युवाओं का रखा जाएगा. भाजपा के 80 सीट जीतने के प्रश्न पर उन्होंने बोला कि ये झूठे लोग हैं. इन्होंने क्या-क्या वादे किए थे वो पूरे नहीं किए, लेकिन जनता अब समझ चुकी है अब वो इनके बहकावे में आने वाली नहीं. एटा-कासगंज लोकसभा सीट पर भाजपा के वर्तमान सांसद राजवीर सिंह तीसरी बार जीत हैट्रिक बनाने की प्रयास करेंगे और उनका मुकाबला सपा घोषित उम्मीदवार देवेश शाक्य से होगा. सपा का कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन होने के चलते समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी यहां पर मिलकर चुनाव लड़ रही है.

2009 में एटा लोकसभा सीट से पूर्व सीएम कल्याण सिंह भाजपा से बाहर होने पर समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़े और विजयी रहे. कल्याण सिंह को कुल 275717 वोट मिले थे. जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीएसपी के देवेंद्र सिंह यादव को 147449 वोट मिले थे. कल्याण सिंह ने देवेंद्र सिंह यादव को 128268 मतों से पराजित कर दिया था. भाजपा यहां तीसरे जगह पर रही थी. भाजपा के डाक्टर श्याम सिंह शाक्य को 88562 वोट मिले थे.
इसके बाद 2014 में कल्याण सिंह ने अपनी विरासत अपने बेटे राजवीर सिंह को सौंप दी. कल्याण सिंह की भाजपा में वापसी के बाद उनके बेटे को भाजपा ने एटा लोक सभा सीट से प्रत्याशी बनाया और राजवीर सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के देवेंद्र सिंह यादव को 201001 मतों से हराकर अपने पिता कल्याण सिंह की विरासत को बचा लिया. इसमें राजवीर सिंह को 474978 मत मिले थे. जबकि देवेंद्र सिंह यादव को 273977 मत मिले थे.
उसके बाद 2019 में भाजपा के टिकट पर फिर राजवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी और बीएसपी गठबंधन के उम्मीदवार देवेंद्र सिंह यादव को 122670 मतों से हराकर एटा लोकसभा पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. राजवीर सिंह को कुल 545348 वोट मिले जब कि देवेंद्र सिंह यादव को 422687 वोट मिले. इस बार देवेंद्र सिंह यादव को पिछले चुनाव की तुलना में 13 प्रतिशत मत अधिक मिले फिर भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
देखना है कि इस बार समाजवादी पार्टी उम्मीदवार देवेश शाक्य राजवीर सिंह को कितनी कड़ी भिड़न्त देते हैं. इस बार समाजवादी पार्टी ने शाक्य उम्मीदवार उतारकर कुछ हद तक भाजपा की कठिनाई बढ़ा दी है. देवेश शाक्य बिधूना औरैया के रहने वाले हैं और समाजवादी पार्टी गवर्नमेंट में कई बार मंत्री रहे विनय शाक्य के छोटे भाई हैं. देवेश एक बार औरैया से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ चुके हैं. उसमे ये मात्र एक वोट से चुनाव हार गए थे. इसके अतिरिक्त देवेश 2012 में बसपा के उम्मीदवार के रूप में बिधूना से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इसमें ये दूसरे नम्बर पर रहे थे. देवेश कहते हैं कि एटा मेरे लिए नया नहीं है. मैं यहां का प्रभारी रहा हूँ और बूथ स्तर तक की कमेटी मैंने यहां गठित की हैं. उन्होंने बोला कि विकास, शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा आदि चुनाव के मुख्य मामले है. इस बार के चुनाव में जनता पीडीए और समाजवादी पार्टी को वोट करेगी. वे भाजपा के विजय रथ को रोकेंगें.

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