ट्रेनों में आरक्षण फूल, नहीं मिल रहा है टिकट
लेकिन देवरिया लोकसभा चुनाव में महानगरों में जॉब करने वाले परदेशियों के लिए अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनना कठिन दिख रहा है. क्योंकि महानगरों से आने वाली लगभग सभी ट्रेनों में जून तक आरक्षण फुल है. टिकट मिलना कठिन लग रहा है. अधिकतर ट्रेनों के टिकट मार्च में ही रिग्रेट दिखने लगे है. ऐसे में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व पर बाहर रहने वाले मतदाता गांव आकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाएंगे या नहीं ,यह सबसे बड़ा प्रश्न है. हालांकि मतदान फीसदी बढ़ाने के लिए प्रशासन जी जान से जुटा है.
मतदान का फीसदी बढ़ाने में जुटा है प्रशासन
लोकसभा चुनाव की तिथियां निर्धारित हो गई है. देवरिया समेत अगल-बगल के जिलों में एक जून को यानी अंतिम चरण में मतदान होना तय है. पिछले चुनाव में 57 प्रतिशत मतदान हुआ था. इस बार प्रशासन मतदान फीसदी बढ़ाने के लिए जी जान से जुटा है. जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. डीएम स्वयं लोगों से मिलकर बाहर जॉब कर रहे लोगों को बुलाने की भी अपील कर रहे हैं. अपनी पसंद का प्रतिनिधि चुनने के लिए परदेशी भी घर आना चाह रहे हैं लेकिन ट्रेनों में भीड़ देख मायूस हैं
ट्रेनों में भीड़ देखकर मायूस है परदेसी मतदाता
देवरिया जिले के हजारों लोग मुम्बई समेत अन्य महानगरों में अपनी रोजी रोटी कमाते हैं. गर्मी में विद्यालयों की छुट्टी होने पर सभी लोग गांव आते हैं. जिसके चलते ट्रेनों में टिकट मिलना कठिन हो जाता है. महानगरों से देवरिया आने वाले लोग वाराणसी और गोरखपुर रूट की गाड़ियों से घर लौटते हैं. इन रूट पर भी गिनी चुनी गाड़ियां ही है. इस बार चुनाव के चलते गाड़ियों में टिकट की भीड़ बढ़ गई है. जिले की वोटर लिस्ट में हजारों ऐसे वोटर हैं जो महानगरों में जॉब करते हैं और चुनाव में वोट डालने घर आते हैं. वही उम्मीदवार भी मतदाताओं को बुलाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है.
ट्रेनों में जून तक दिख रहा है वेटिंग
मुम्बई से वाराणसी के लिए आने वाली सुपरफास्ट ट्रेन महानगरी एक्सप्रेस (22177)में स्लीपर 20 अप्रैल तक रिग्रेट है. जबकि थर्ड एसी में 15 जून तक वेटिंग दिख रहा है. एलटीटी गोरखपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12165) में भी यही हाल है एक्सप्रेस ,कामायनी एक्सप्रेस, एलटीटी मऊ एक्सप्रेस, मुंबई से वाराणसी के रास्ते जाने वाली पटना एक्सप्रेस समेत अन्य कई सुपरफास्ट ट्रेनों में पूरी भीड़ है. कहा जाता है कि यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन द्वारा स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाएगी. मगर अभी ट्रेनों में आरक्षण की स्थिति देखकर चुनाव लड़ने वाले नेता सियासी दल और मतदाता सभी मायूस दिख रहे है.