पूर्व महामंडलेश्वर बिल्डर बाबा सचिन दत्ता और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि वसुंधरा सेक्टर-19 निवासी हरिओम शर्मा की कम्पलेन पर सचिन दत्ता, उनकी पत्नी सुरुचि दत्ता निवासी गौतमबुद्धनगर, पीएनबी की वसुंधरा शाखा के मैनेजर संजय जैन, टेक्निकल मैनेजर, लीगल मैनेजर, बैंककर्मी बीएल मीना और राजेश भार्गव और कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपियों ने बालाजी प्रोजेक्ट में फ्लैट की जानकारी दी। साइट देखने के बाद उन्होंने 10.64 लाख रुपये देकर फ्लैट बुक करा दिया। यहां उपस्थित बैंककर्मियों ने बोला कि बाकी पेमेंट के लिए बैंक से लोन हो जाएगा। पीड़ित ने बताए गए डॉक्यूमेंट्स आरोपियों को दिए और बताई गई फीस भी दी। इसके बाद उन्हें पता चला कि बैंक से करीब लाख रुपये का लोन तो हो गया, लेकिन जिस फ्लैट का उन्हें एग्रीमेंट लेटर दिया गया था वह बिल्डर सचिन और उसके साथियों ने किसी और को भी बेच दिया है। लोन होने के बाद इसकी किस्त भी प्रारम्भ हो गई। सचिन दत्ता ने उन्हें आश्वासन दिया कि अब बैंक की किस्त कंपनी भर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पहले भी कर चुका ठगी
पूर्व महामंडलेश्वर और बिल्डर सचिन दत्ता द्वारा ठगी के मुद्दे पहले भी आ चुके हैं। क्रॉसिंग्स रिपब्लिक की फोस्टर हाईट्स सोसायटी में बने फ्लैट्स पर दो-दो बार बैंकों से लोन ले लिया। रेजिडेंट्स को इस बारे में तब पता चला जब पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी लोन रिकवरी का नोटिस चस्पा करने आए थे। रेजिडेंट्स ने इस मुद्दे में उच्च न्यायालय की शरण ली थी। रेजिडेंट्स ने बिल्डर के विरुद्ध विजयनगर पुलिस स्टेशन में फर्जीवाड़ा की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लोगों ने कहा था कि बिल्डर ने फर्जी कागजात से एक फ्लैट पर दो-दो बार लोन ले लिया।
धोखाधड़ी में हुआ था गिरफ्तार
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने जिस सचिन दत्ता को 31 जुलाई में महामंडलेश्वर बनाया था, वह उत्तर प्रदेश के नोएडा में नाइट क्लब चलाते पकड़ा गया था। इसके बाद महज आठ दिन के भीतर उससे महामंडलेश्वर की उपाधि छीन ली गई थी। उस समय उन्हें नया नाम सच्चिदानंद गिरि मिला था। अचानक चर्चाओं में आए सचिन उर्फ सच्चिदानंद के बारे में पता चला कि वह नोएडा में नाइट क्लब चलाता है। सचिन पर पूर्व में कई राज्यों में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे।