बंपर पैदावार वाली किस्मों को उगाते हैं किसान, कम लागत में कमा रहा तगड़ा मुनाफा
फर्रुखाबाद: आधुनिकता के इस दौर में कृषि के क्षेत्र में हो रहे नए प्रयोग किसानों के लिए समृद्धि का द्वार खोल रहे हैं। फर्रुखाबाद के कई किसान परंपरागत खेती से नाता तोड़कर अब नगदी फसल की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे ही प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में सलमान सिंह भी शामिल हैं। क्षेत्र के कोठी गांव के किसान सलमान इस बार अपने खेतों में अलग ढंग से खेती कर रहे हैं। जिससे उन्हें लाखों रुपए का फायदा हो रहा है। उन्होंने पहले छोटे स्तर पर सेम की खेती प्रारम्भ की। आज वह बड़े स्तर पर सेम की खेती कर रहे हैं।
सलमान सिंह ने कहा कि हम कई वर्षाें से लगातार अपने खेतों में सेम की फसल ही उगा रहे हैं। वहीं जब सेम तैयार हो जाती है, तो निकट की मंडी कमालगंज में बिक्री कर देते हैं। आमतौर पर यहां के किसान सेम की अच्छी प्रजाति करते हैं, जिससे एक फसल से पांच से आठ बार तुड़ाई करके डबल कमाई भी कर रहे हैं।
सलमान सिंह बताते हैं कि वह सेम की उन्नत प्रजाति को ही खेत में उगाते हैं। इस सेम की सब्जी को खाने में एक अलग स्वाद तो आता ही है साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभ वाला भी है। सेम की फसल को दूसरी फसलों की अपेक्षा कम सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। इस समय सेम की 40 से 50 रुपए किलो की रेट बिक्री हो रही है। आने वाले समय में इसकी 80 से 100 रुपए प्रति किलो की रेट से बिक्री होती है। प्रत्येक एक बीघा में कम से कम 10 कुंतल तक की पैदावार हो जाती है। वहीं जब तुड़ाई की जाती है, तो सेम की तुड़ाई के बाद इसके पत्तों को जैविक उर्वरक के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
सेम की खेती का क्या है तरीका
सलमान सिंह किसान बताते हैं कि सेम की खेती में प्रति बीघा दो हजार से तीन हजार रुपए की लागत लगती है। बुवाई के समय बीज की दूरी एक फुट की होनी चाहिए। जिससके बाद सिंचाई की जाती है। जिससे कि पर्याप्त नमी बनी रहे। जिससे सेम की खेती में अच्छी पैदावार होती है। उन्होंने कहा कि सेम की खेती में एक एक बार की तुड़ाई में 60 हजार से 1 लाख तक का फायदा हो जाता है।