16-16 फीट लंबे मीठे रसभरे गन्ने से दंग है दुनिया
पश्चिमी यूपी विदेशियों को भी गन्ना उत्पादन की बारीकियां सिखा रहा है। फिजी से आया दल वेस्ट उत्तर प्रदेश के किसानों से गन्ना उत्पादन की बारीकियां सीख रहा है। खेत खेत फिजी से आया दल पश्चिम यूपी में घूम रहा है और यहां के किसानों से प्रभावित हो रहा है। किसानों का बोलना है कि दूसरे राष्ट्र में भी गन्ने की मिठास फैले इसका यही उद्देश्य है। वेस्ट उत्तर प्रदेश के गन्ने की मिठास का फार्मूला अब फिज़ी राष्ट्र तक जा रहा है।
फिज़ी राष्ट्र का अट्ठारह सदस्यीय दल मेरठ के जयसिंहपुर गांव पहुंचा। यहां सोलह-सोलह फीट का गन्ना देखकर दल के सदस्य दंग रह गए। वार्ता में फिज़ी राष्ट्र से आए लोगों ने बोला कि उनके यहां गन्ने की औसत लंबाई छह फीट तक की है। लेकिन यहां गन्ने की हाईट सोलह सोलह फीट तक है। जो हतप्रभ करता है। वैज्ञानिक विधि से हो रही गन्ने की खेती के बारे में जानकर फिजी से आए लोगों ने बोला कि वो अपने राष्ट्र जाकर यहां के किसानों के फार्मूले को अपनाएंगे।
वेस्ट उत्तर प्रदेश के किसान हैं बेस्ट, विदेशी दल ने किया सैल्यूट
दल के सदस्यों का बोलना है कि वेस्ट उत्तर प्रदेश की धरती गन्ने के लिए बहुत ख़ास है। और यहां के किसानों की मेहनत को भी वो सैल्यूट करते हैं। जयसिंहपुर गावं के प्रगतिशील किसान चंद्रहास से गन्ना उत्पादन बढ़ाने को लेकर बात करता है। ज़िला गन्ना अधिकारी दुष्यंत कुमार एनएसआई के वैज्ञानिक भी फिज़ी से आए दल के साथ उपस्थित रहे।
रामलला के दर्शन के बाद भिन्न-भिन्न जिलों में जाकर किया अध्ययन
बताया गया कि फिज़ी से आया दल जब हिंदुस्तान आया तो सबसे पहले अयोध्या जाकर उन्होंने रामलला के दर्शन किए। नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट जाकर वैज्ञानिकों से मिले। फिर चल पड़े वेस्ट उत्तर प्रदेश की ओर। वेस्ट उत्तर प्रदेश के भिन्न भिन्न ज़िलों में जाकर दल के मेम्बर्स किसानों से वार्तालाप कर गन्ना उत्पादन की वैज्ञानिक विधि सीखते नज़र आए। मेरठ में गन्ने के बीज को लेकर कार्य कर रही ग्रामीण स्त्रियों से भी दल के सदस्यों ने बात की। जब कहा गया कि इन स्त्रियों के रोज़गार का साधन भी गन्ना है। कह सकते हैं कि वेस्ट उत्तर प्रदेश के गन्ने की फसल अब राष्ट्र में ही नहीं विदेशों में भी अपनी मिठास की ख़ुशबू फैला रही है।