विंध्य नगरी के अष्टभुजा व कालीखोह मंदिर को दिया जाएगा भव्य रूप
यूपी के मिर्जापुर में जहां एक तरफ विंध्य कॉरिडोर का निर्माण तीव्र गति के साथ चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विंध्याचल का वैभव पुनर्स्थापित हो रहा है। इसके साथ ही विंध्यनगरी को अध्यात्म और पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में अब त्रिकोण परिक्रमा पथ पर स्थित कालीखोह और अष्टभुजा धाम को दिव्य और भव्य बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। मंदिर परिसर का विशेष कायाकल्प करने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इतना ही नहीं इन क्षेत्रों में पर्यटक सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा।
जैसे-जैसे मिर्जापुर में सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर भव्य आकार ले रहा है, वैसे-वैसे मां विंध्यवासिनी शक्ति-पीठ संवर रहा है। अब विंध्य कॉरिडोर योजना के तर्ज पर धार्मिक महत्त्व वाले स्थानों को भव्य रूप देने की कवायद तेज कर दी गई है। त्रिकोण परिक्रमा पथ पर पड़ने वाले प्राचीन अष्टभुजा और कालीखोह मंदिर का सुंदरीकरण कराया जाएगा। गर्भगृह को छोड़कर मंदिर परिसर को नवीन रूप दिया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से प्रस्ताव मांगे गए थे, जिसका कार्य योजना बनाकर भेज दिया गया है।
अष्टभुजा मंदिर को लेकर यह है प्लान
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता हरिआंशु द्विवेदी ने कहा किविंध्याचल पहाड़ पर स्थित अष्टभुजा मंदिर परिसर को लगभग 71 करोड़ की लागत से संवारा जाएगा। मंदिर के समानांतर पांच तल्ला भवन का निर्माण कराया जायेगा। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर वीआईपी लाउंज, कार्यालय और आंगन होने के साथ ही प्रथम फ्लोर पर सिक्योरिटी कंट्रोल रूम और कांफ्रेंस हाल बनाया जाना प्रस्तावित है। वहीं,, दूसरे पर रेस्टोरेंट, तीसरे फ्लोर पर पब्लिक टायलेट के साथ ही दर्शनार्थी वेटिंग हाल और चौथे फ्लोर पर मंडप हाल बनाए जाने की योजना है।
कालीखोह की सीढ़ियों को बनाया जायेगा आकर्षक
उन्होंने बोला कि कालीखोह मंदिर परिसर को लगभग 51.84 करोड़ रूपए की लागत से भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। कालीखोह की सीढ़ियों को सुन्दर बनाया जायेगा। सीढ़ियों के आगे और नीचे की तरफ लोअर प्लाजा बनाया जाना है। इसी प्रकार गर्भ गृह को छोड़कर मंदिर के अन्य हिस्से को अपर प्लाजा के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां सुंदर लॉन, वेटिंग हाल, पब्लिक टॉयलेट, शू-स्टैंड, क्लाक रूम आदि की प्रबंध रहेगी।