उत्तराखंड की एक जेल ऐसा जहां कैदियों के साथ हो रही जमकर कमाई
अपराधी कारावास में सजा काटने के लिए भेजा जता है, लेकिन उत्तराखंड की एक कारावास ऐसी भी है, जहां कैदियों के साथ मिलकर जमकर कमाई कर रही है। धनराशि भी अच्छी खासी है, जोकि सालाना 30 लाख रूपये है। अब लक्ष्य है 50 लाख रूपये सालाना का।
उत्तराखंड की सुद्दोवाला कारावास अपराधियों को मुख्य धारा से जोड़ने पर विशेष काम कर रही है और कैदी जैसे ही सजा काटकर कारावास से बाहर निकलते हैं तो रोजी-रोटी के लिए फिर क्राइम की दुनिया में न कदम रखे, इसके लिए कारावास प्रशासन कैदियों को स्किल डेवलपमेंट का कोर्स करवा रही है। इसमें कैदियों को ब्रांडेड कपडे सिलना, लकड़ी की डिजायनर मेज, कुर्सी, पेंटिंग का सामान सहित घर के इस्तेमाल में लाये जाने वाले अनेक प्रोडक्ट बनवाना शामिल हैं। इनको बनाने का हुनर तो कैदी सीख ही रहे हैं, बल्कि अपने कामों में महारत भी हासिल कर रहे हैं। कैदियों द्वारा बनाये गये अनेक प्रोडक्ट्स को कारावास प्रशासन ने बाजार में उतारा, जिसको बेचने के बाद कारावास प्रशासन को बीते वर्ष 30 लाख रूपये की कमाई हुई।
इस कमाई को बढ़ाने के लिए अब कारावास प्रशासन कारावास में ही एक कौशल विकास केंद्र खोल रहा है। यह करीब 5 करोड़ की लागत से केंद्र बनेगा, जिसमें मौजूदा काम तो होंगे हीं, साथ ही इस हाइटेक केंद्र में कारावास में लोहे की अलमारी और रैक्स की भी मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी…। जिसके लिए ONGC के CSR फण्ड से भी कारावास प्रशासन को पैसा मिल चुका है, जिससे कारावास की आने वाले दिनों में आमदनी 50 लाख रूपये तक होगी।
जेल के कैदियों को अधिक से अधिक दक्ष बनाने के लिए हर प्रकार का कोशिश किया जा रहा है और कैदियों द्वारा बनाए गये समानों से कारावास को खासी इनकम भी हो रही है। वहीं कैदी भी इसका जमकर लाभ उठा रहे हैं और क्योंकि कैदियों को प्रत्येक दिन का 80 रूपये काम का भी मिलता है।
सुद्धोवाला कारावास के जेलर पवन कोठारी का बोलना है कि बीते कुछ समय पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी कारावास पहुंचे थे और कैदियों की कारीगरी देखकर मुख्यमंत्री ने ही कारावास में कौशल विकास केंद्र यूनिट की घोषणा की थी, जिस पर लगातार काम जारी है और करीब 5 करोड़ की लगत से देहरादून के सुद्धोवाला कारावास में इस यूनिट को तैयार किया जा रहा है। इसके जल्द तैयार होने के बाद देहरादून कारावास के कैदी यूनिट में काम करेंगे।