उत्तराखण्ड

ऋषिकेश के इस मंदिर में गिरा था माता सती का कुंज भाग

ऋषिकेश: उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश एक पावन तीर्थ स्थल है तीर्थ स्थल होने के साथ ही ऋषिकेश एक खूबसूरत पर्यटन का भी पर्याय है प्राकृतिक सुंदरता से घिरी ये स्थान लोगों को काफी लुभाती है तभी तो हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग ऋषिकेश पहुंचते हैं वहीं यहां स्थापित मंदिर और घाट मुख्य आकर्षण का केंद्र है यहां स्थापित मान्यता प्राप्त और प्राचीन मंदिरों में से एक कुंजापुरी देवी मंदिर है

ऋषिकेश का प्राचीन कुंजापुरी माता मंदिर
लोकल 18 के साथ वार्ता में महंत रामेश्वर गिरी ने कहा कि कुंजापुरी देवी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है  यह 51 शक्तिपीठों में से एक है यह मंदिर ऋषिकेश से करीब 25 किलोमीटर और नरेंद्र नगर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां भक्तों की मांगी गई मुरादें पूरी होती हैं ख़्वाहिश पूर्ति के लिए लोग मंदिर के पास स्थित पेड़ में कलावा बांधते हैं और प्रार्थना करते हैं वहीं, इस मंदिर से जुड़ी एक कथा काफी प्रचलित है बोला जाता है कि ईश्वर शिव जब माता सती के वियोग को सह न सके, तो वह क्रोधित होकर माता सती का मृतशरीर लेकर शिव तांडव करने लगे इस कारण पूरे ब्रह्मांड पर प्रलय छाने लगा यह देख ईश्वर विष्णु ने इस प्रलय को रोकने के लिए सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए माता के शरीर के अंग और आभूषण 51 टुकड़ों में धरती पर भिन्न भिन्न जगहों पर गिरे, जो शक्तिपीठ बन गए इनमें से एक कुंजापुरी शक्तिपीठ है

यहां गिरा था माता सती का ऊपरी हिस्सा
महंत रामेश्वर गिरी ने कहा कि इस जगह पर माता सती के शरीर का ऊपरी भाग यानी कुंजा गिरा था इस कारण यह मंदिर एक शक्तिपीठ कहलाता है दुनिया में यह कुंजापुरी देवी मंदिर के नाम से मशहूर है इस मंदिर को कुंजापुरी के साथ ही कुंचा देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है नवरात्रों के समय यहां भक्तों की लाइन लगी रहती है

 

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