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₹2000 का शेयर आया ₹198 पर…

Anil Ambani Reliance Infra: अनिल अंबानी की कंपनी-रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को एक अच्छी समाचार मिली है. दरअसल, एनसीएलटी ने मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड (MMOPL) के विरुद्ध एसबीआई और आईडीबीआई बैंक द्वारा दाखिल दिवालियापन याचिका को खारिज कर दिया है. इसके बारे में कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी है.

क्या बोला कंपनी ने

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा- हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि एसबीआई और आईडीबीआई बैंक की धारा 7 याचिकाओं को एनसीएलटी मुंबई द्वारा जारी ओटीएस के मद्देनजर खारिज कर दिया गया है. बता दें कि मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) के साथ कंपनी का एक ज्वाइंट वेंचर है, जिसमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की 74 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है. वहीं, MMRDA की 26 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है.

इस वर्ष जनवरी में भारतीय बैंक MMOPL के विरुद्ध दिवालिया याचिका दाखिल करने वाला तीसरा ऋणदाता बन गया. वहीं, एसबीआई (एसबीआई) और आईडीबीआई बैंक ने बकाया वसूली के लिए पिछले वर्ष MMOPL के विरुद्ध दिवालियापन की कार्यवाही प्रारम्भ की थी. MMOPL को परियोजना के लिए उपर्युक्त ऋणदाताओं से कर्ज प्राप्त हुआ था. MMOPL में कंसोर्टियम का कुल ऋण 1,711 करोड़ रुपये था.

फाइनेंशियल लेंडर द्वारा स्वयं या अन्य फाइनेंशियल लेंडर्स के साथ संयुक्त रूप से एक कॉरपोरेट देनदार के विरुद्ध दिवाला निवारण प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए दिवाला एवं कर्ज शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा-7 के अनुसार आवेदन दिया जाता है.

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अगस्त 2023 में मुंबई मेट्रो के विरुद्ध एनसीएलटी के समक्ष 416.08 करोड़ रुपये की वसूली के लिए एक आवेदन दाखिल किया था. उसके बाद आईडीबीआई बैंक ने आवेदन किया था. एसबीआई और आईडीबीआई बैंक उन छह ऋणदाताओं के संघ का हिस्सा है जिन्होंने मुंबई मेट्रो परियोजना को ऋण दिया है.

शेयरों के हाल

रिलायंस इंफ्रा के शेयर आज सोमवार को हल्की तेजी के साथ 198.90 रुपये पर बंद हुए. हालांकि, पिछले पांच दिन में यह शेयर 33% तक टूट चुका है. हालांकि, लंबी अवधि में इसने अपने निवेशकों को तगड़ा हानि कराया है. वर्ष 2008 में इसकी मूल्य 2000 रुपये से अधिक थी. इस हिसाब से वर्तमान में यह शेयर 90% तक टूट चुका है.

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