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Apple Electric Car: एपल ने 600 से ज्यादा लोगों को निकाला…

टेक्नोलॉजी की कद्दावर कंपनी Apple (एपल) ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार विकसित करने की योजना को रद्द करने के बाद, अपनी प्रोजेक्ट टाइटन पर काम कर रहे 614 कर्मचारियों की छंटनी कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह जानकारी सामने आई है. एपल ने बैटरी से चलने वाली ऑटोनॉमस कार को विकसित करने के लिए एक बहुत महत्वाकांक्षी काम प्रारम्भ किया गया था, जिसे बहुत सीक्रेट रखा गया था. कंपनी ने इसका कोड नाम प्रोजेक्ट टाइटन रखा था. जिस पर कंपनी ने कथित तौर पर 10 अरब $ खर्च किए थे.


कैलिफोर्निया राज्य के साथ दाखिल किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, जिसका अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने बड़े स्तर पर हवाला दिया, एपल ने प्रोजेक्ट टाइटन को बंद करने के बाद 614 कर्मचारियों को निकाल दिया. जाहिर तौर पर कई चुनौतियों और बदलती प्राथमिकताएं इसकी वजह हैं. जबकि एपल ने कभी भी एक ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक कार परियोजना पर काम करने की ना ही पुष्टि की और ना ही इससे कभी इनकार किया है. लेकिन इसने टेस्ला, पोर्श, लेम्बोर्गिनी और बीएमडब्ल्यू जैसे बड़े गाड़ी ब्रांडों से कई कर्मचारियों को काम पर रखा था.

कैलिफोर्निया के वर्कर एडजस्टमेंट एंड रिट्रेनिंग नोटिफिकेशन एक्ट के अनुसार दाखिल किए गए फाइलिंग केक मुताबिक, एपल ने कथित रूप से सांता क्लारा में आठ से अधिक कार्यालयों के कर्मचारियों को निकाल दिया. इन कर्मचारियों की किरदार और विभाग अभी तक मालूम नहीं है.

एपल की वह कार जो कभी बनी नहीं

एपल ने अपने प्रोजेक्ट टाइटन को लगभग एक दशक तक गुप्त रखा. लेकिन फिर भी समय-समय पर ऐसी जानकारी सामने आती रहती थी. ऐसा अनुमान है कि प्रोजेक्ट टाइटन को बंद करने के समय लगभग 2,000 कर्मचारी इस पर काम कर रहे थे.

इस मुद्दे पर एपल के ऑफिसरों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है. लेकिन मोटे तौर पर यह संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि पूरे विश्व में चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थिति ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी (बाजार पूंजीकरण के मुद्दे में 2024 में, और माइक्रोसॉफ्ट के बाद) को फिर से सोचने पर विवश कर दिया होगा.

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