स्टार्स को अपनी उंगली पर नचाता है ये चाइल्ड एक्टर
मुंबईः हिंदी फिल्म इंडस्ट्री केवल अभिनय ही नहीं और भी बहुत सारी फील्ड में अवसर प्रदान करता है। इंडस्ट्री में ऐसे कई कलाकार हैं, जिन्होंने अपने करियर की आरंभ एक अभिनेता के तौर पर की या जो इंडस्ट्री में अभिनय में हाथ आजमाने के लिए आए थे और बाद में अभिनय के बजाय डायरेक्शन में हाथ आजमाते दिखे। उन्हीं सेलिब्रिटीज में से एक हैं अभिनेता विशाल देसाई, जिन्होंने कई फिल्मों में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार्स के बचपन का रोल निभाया। विशाल देसाई ने अनोखा बंधन, याराना और अन्य में बाल कलाकार के रूप में अपनी भूमिकाओं के बाद खूब प्रसिद्धि हासिल की। उन्होंने अंतिम बार फिल्म ‘आखिरी संघर्ष’ में बाल कलाकार की किरदार निभाई थी लेकिन उसके बाद उन्होंने एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कह दिया।
एक्टिंग छोड़ने के बाद विशाल देसाई निर्देशन की ओर रुख कर चुके हैं। बतौर चाइल्ड अभिनेता काम करने के बाद एक डायरेक्टर के तौर पर अब तक विशाल देसाई कई बड़े स्टार्स को अपने इशारों पर नचा चुके हैं। उन्होंने बागबान, बाबुल और भूतनाथ जैसी फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया। इसके अतिरिक्त वह डेली सोप कामिनी दामिनी, ढोलकी और शहादत का भी निर्देशन कर चुके हैं।
70 के दशक में मास्टर बिट्टू काफी चर्चित नाम थे। उन्हें सबसे अधिक फेम मिला अमिताभ बच्चन के बचपन का रोल निभाकर। इसके अतिरिक्त मास्टर बिट्टू ने धर्मेंद्र और राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार्स से साथ भी काम किया। विशाल देसाई याराना, अनोखा बंधन, अपनापन, चुपके-चुपके जैसी सुपरहिट फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट खूब पसंद किए गए।
एक बाल कलाकार के रूप में, विशाल देसाई को अमिताभ के बचपन की भूमिकाएं निभाने का अवसर मिला और वह इससे बहुत खुश हैं। स्क्रीन पर अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला उनका नाम मास्टर बिट्टू उनकी पहचान बन गया है। विशाल एक एंटरटेनमेंट चैनल में क्रिएटिव डायरेक्टर के तौर पर भी काम कर रहे हैं। विशाल ने अंतिम बार फिल्म ‘वीरगति’ का निर्देशन किया था जिसमें यतिन कार्येकर, रिंकू करमरकर और अजीत झा जैसे कलाकार थे। इस फिल्म में अदिति भास्कर, निखिल चव्हाण, अनवर फतेहन और गौरव घाटनेकर ने भी एक्टिंग किया था।
‘वीरगति’ मराठा लाइट इन्फैंट्री ब्रिगेड के लेफ्टिनेंट सलीम शेख के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें कहा गया है कि कैसे लेफ्टिनेंट सलीम शेख कश्मीर में हिंसक स्थितियों को नियंत्रित करने की प्रयास करते हैं, वह इस उद्देश्य को पूरा कर पाते हैं या नहीं, यही फिल्म का मूल विषय है। डेटी पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड ने इस फिल्म का निर्माण किया है जिसकी शूटिंग हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुई है। IMDB में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार फिल्म का बजट 1 करोड़ के आसपास है।