ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते वैश्विक मामलों पर चिंता जताते हुए लैंसेट विशेषज्ञों ने कहा…
नई दिल्ली। पूरे विश्व में कैंसर से मौतों के मुद्दे बढ़ रहे हैं. लैंसेट के जानकारों के ताजा अध्ययन के अनुसार स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर के मुद्दे भी तेजी से बढ़ रहे हैं. हर वर्ष छह से सात लाख स्त्रियों की इसके कारण जान जा रही है. जानकारों ने संभावना जताई कि 2040 तक मौतों का आंकड़ा हर वर्ष 10 लाख तक पहुंच सकता है.
ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चिंता जताते हुए लैंसेट जानकारों ने बोला कि सभी स्त्रियों को कम उम्र से ही इसके खतरे को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है. स्तन की नियमित जांच, जोखिम कारकों की पहचान और बचाव के तरीका इस कैंसर की रोकथाम में महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं. अभी जो अंतरराष्ट्रीय रुझान हैं, उन्हें देखते हुए संभावना है कि इस कैंसर के मुद्दे स्वास्थ्य विभाग पर बड़े दबाव का कारण बन सकते हैं. लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार 2016 से 2020 तक पांच वर्ष में करीब 78 लाख स्त्रियों में स्तन कैंसर का निदान किया गया. अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्तन कैंसर के मुद्दे 2040 तक 30 लाख से अधिक हो सकते हैं.
निम्न-मध्यम आय वाले राष्ट्रों में अधिक केस
लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर के सबसे अधिक मुद्दे निम्न और मध्यम आय वाले राष्ट्रों से रिपोर्ट किए जा रहे हैं. वहां महिलाएं असाधारण रूप से प्रभावित हो रही हैं. अमरीका की एमोरी यूनिवर्सिटी विद्यालय ऑफ मेडिसिन की प्रोफेसर और शोधकर्ता रेशमा जागसी का बोलना है कि बढ़ती स्वास्थ्य परेशानी को लेकर जागरूकता अभियान महत्वपूर्ण है, ताकि समय पर जोखिमों की पहचान में सहायता मिल सके.
लाइफ स्टाइल और आहार में परिवर्तन जरूरी
स्वास्थ्य जानकारों के अनुसार भारतीय स्त्रियों में भी स्तन कैंसर का जोखिम लगातार बढ़ रहा है. कैंसर के मामलों का समय पर निदान न हो पाना न केवल उपचार को प्रभावित करता है, समय के साथ जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित होने लगती है. कैंसर का पता जितनी देर से चलता है, बीमार की जान बचना और मुश्किल हो जाता है. लाइफस्टाइल और आहार में परिवर्तन कर जोखिमों को कम किया जा सकता है.