महिलाओं के लिए रामबाण है ये फल, जानिए इसके फायदे…
महुआ को अक्सर लोग मादकता बढ़ाने वाले फल के रूप में जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आयुर्वेद में इसे औषधि की संज्ञा दी गई है। यदि शादीशुदा स्त्री ब्रेस्टफीडिंग की परेशानी से जूझ रही है तो उनके लिए ये अमृत तुल्य माना गया है। पिछले 45 सालों से आयुर्वेदाचार्य के रूप में कार्य कर रहे भुवनेश पांडे की मानें तो महुआ एक ऐसा फल है जो एनीमिया, मेनोपॉज, जोड़ों के दर्द और ब्रेस्ट मिल्क की परेशानी से पीड़ित स्त्रियों के लिए औषधि है।आप इसका सेवन पूड़ी, खीर, हलवा और सीधे तौर पर कर सकते हैं।
आयुर्वेदाचार्य की मानें तो महुआ का पेड़ हिंदुस्तान में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में पाया जाता है। फागुन-चैत में पत्तियां झड़ जाने के बाद इसके वृक्ष पर सफेद रंग के फूल लगते हैं। क्षेत्रीय समुदाय इस पेड़ के छाल को औषधी के रूप में और फलों को भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। साथ ही इसके फूल से कई प्रकार के रेसिपी बनाए जाते हैं। जैसे- हलवा, लड्डू, जैम, बिस्कुट, सब्जी इत्यादि। आयुर्वेद में महुआ का इस्तेमाल अनेक प्रकार की रोंगों का उपचार के लिए किया जाता है। महुआ में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मानव शरीर को भिन्न-भिन्न प्रकार से स्वास्थ रखते हैं।
ब्रेस्ट मिल्क और एनीमिया जैसी समस्याओं में कारगर
जानकारों की मानें तो जिन स्त्रियों में एनीमिया का स्तर बहुत ऊंचा है, वो महुआ का सेवन जरूरी रूप से कर सकती हैं। साथ ही ब्रेट मिल्क के आभाव से जूझ रही स्त्रियों को भी महुआ का सेवन जरूरी रूप से करना चाहिए। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसकी तासीर बहुत गर्म रहती है, ऐसे में सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए।
आप इसका सेवन सुबह-शाम दो बार ढाई से पांच ग्राम तक की मात्रा में दूध के साथ सीधे तौर पर या फिर खीर, हलवा तथा पूड़ी के रूप में 10 से 25 ग्राम तक की मात्रा में कर सकते हैं। यदि अधिक मात्रा में इसका सेवन किया गया तो, अत्यधिक पौष्टिक होने की वजह से अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। अच्छी बात यह है कि सीमित मात्रा में नियमित रूप से महुआ का सेवन करने से 20 से 25 दिनों में स्त्रियों में ब्रेस्ट मिल्क की कमी सहित अन्य समस्याओं का निवारण हो सकता है।