अंतर्राष्ट्रीय

बुजुर्ग अमेरिकी नागरिकों को शिकार बनाने वाले बहु-करोड़ डॉलर के घोटाले का हुआ खुलासा

अमेरिकी दूतावास ने नयी दिल्ली में अमेरिकन सेंटर में एक खोजी क्राइम श्रृंखला, एक वृत्तचित्र फिल्म बोगस टेलीफोन ऑपरेटर्स की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया. आंखें खोल देने वाली डॉक्यूमेंट्री “बोगस टेलीफोन ऑपरेटर्स” के दौरान दर्शकों ने देखा कि कैसे अमेरिकी और भारतीय ऑफिसरों ने मिलकर बुजुर्ग अमेरिकी नागरिकों को शिकार बनाने वाले बहु-करोड़ $ के घोटाले का खुलासा किया.

भारतीय पुलिस और एफबीआई के बीच ऑपरेशन

छापे का नेतृत्व करने वाले जांच अधिकारी के लेंस के माध्यम से, वृत्तचित्र “बोगस टेलीफोन ऑपरेटर्स” कथित घोटाले के पैमाने और गंभीरता, अमेरिकी पीड़ितों पर इसके असर और साइबर विशेषज्ञों, वकीलों और एक संयुक्त से जुड़ी बाद की जांच पर प्रकाश डालता है.

भारत में अमेरिकी राजदूत, एरिक गार्सेटी ने कार्यक्रम की आरंभ करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि हमारा लीगल अटैची कार्यालय साइबर क्राइम से लड़ने में अमेरिकी और भारतीय कानून प्रवर्तन के बीच सफल साझेदारी को खुलासा कर रहा है. घोटालेबाजों और संभावित पीड़ितों को परेशान करके, हम एक साथ असली असर डाल रहे हैं.

बोगस टेलीफोन ऑपरेटर्स (बीपीओ) के निर्माता यूल कुरुप ने अपनी डॉक्यूमेंट्री के पीछे का अर्थ साझा किया. “हमें पूरे विश्व के दर्शकों के लिए ‘बीपीओ’ पेश करने पर गर्व है. हम निर्माता के रूप में सुन्दर और विचारोत्तेजक कहानियां बताने के लिए समर्पित हैं जो पूरे विश्व के दर्शकों को पसंद आती हैं, जो वार्ता को बढ़ावा देती हैं और परिवर्तन के लिए प्रेरित करती हैं. यह डॉक्यूमेंट्री साइबर क्राइम से उत्पन्न व्यापक खतरे और तेजी से जुड़ती दुनिया में सावधान रहने के महत्व की याद दिलाती है. ठाणे कॉल सेंटर घोटाले की हमारी खोज के माध्यम से, हम जागरूकता बढ़ाने और दर्शकों को इसी तरह की फर्जीवाड़ा वाली योजनाओं से बचाने के लिए सशक्त बनाने की आशा करते हैं.

बोगस टेलीफोन ऑपरेटर्स के निदेशक सत्यप्रकाश उपाध्याय ने कहा, “फर्जी टेलीफोन कॉल करने वाले घोटालेबाज तेजी से फैल रहे हैं और पूरे विश्व में लोगों को निशाना बना रहे हैं. वे पीड़ितों से पैसे लेने की प्रयास करने वाले केवल यादृच्छिक लोग नहीं हैं. वे एक बड़े, स्मार्ट तकनीकी रूप से उन्नत समूह का हिस्सा हैं जो जानते हैं कि हमारी पर्सनल जानकारी कैसे प्राप्त की जाए. वे पकड़े जाने के डर के बिना पुलिस या सरकारी अधिकारी होने का दिखावा भी करते हैं, क्योंकि उन्हें एक बड़े नेटवर्क का समर्थन प्राप्त होता है. अब समय आ गया है कि हम उनकी चालों को समझें और उन्हें रोकने के लिए मिलकर काम करें.

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