झारखण्ड

रामनवमी और लोकसभा चुनाव को लेकर धनबाद पुलिस अलर्ट पर…

रामनवमी और लोकसभा चुनाव को लेकर  धनबाद पुलिस अलर्ट पर है. किसी भी इमरजेंसी हालात से निपटने को लेकर पुलिस लाइम में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान किस तरह से भीड़ को नियंत्रित किया जाता है, पुलिस जवानों ने इसका अभ्यास किया. सार्जेंट मेजर के नेतृत्व में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था. इस मौके पर डीएसपी मुख्यालय 1 और सीसीआर डीएसपी उपस्थित रहे. हालांकि मॉक ड्रिल ने पुलिस की तैयारी की पोल खोलकर रख दी. इस दौरान आंसू गैस फायर किया गया, लेकिन हथियार से फायर नहीं हो पाया. अंत में एक दूसरी गन से आंसू गैस का गोला चला वह भी सड़क पर जाकर गिरा और आंसू गैस नहीं निकली.

कैसे हुई मॉक ड्रिल?

उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस के ही कुछ लोग विद्रोही बने और कुछ पुलिस वाले बनकर उन्हें रोकने में जुटे. एक तरफ से नारेबाजी करते हए उप्रदवी भीड़ पहुंची, तो दूसरी तरफ कमान संभाले पुलिस वाले थे. दोनों पक्षों से जमकर मशक्कत हुई. कई लोग जख्मी बनकर गिर गए, तो उन्हें पुलिस वाहनों पर लादकर हॉस्पिटल भेजने का काम किया गया. भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस छोड़ने की प्रयास हुई, लेकिन उस गन से फायर नहीं हो सका. कई कोशिशों के बाद भी आंसू गैस नहीं छोड़ी जा सकी. अंत में इस ड्रिल को छोड़ दिया गया.

मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस वालों ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन वह पुलिस वाले हाफ हेलमेट की स्थान पर बाइक वाला फुल हेलमेट पहन कर मॉक ड्रील कर रहे थे, इससे की जवानों को भी कठिनाई हो रही थी.

धनबाद पुलिस के सभी दाव निकले खोखले

इस मॉक ड्रिल में कई कमियां खुलासा हुई हैं, जिन्हें दूर करने की कवायद की जा रही है. मौके पर डीएसपी मुख्यालय-1 शंकर कामती और सीसीआर डीएसपी सुमित कुमार उपस्थित रहे और मॉकड्रिल में पुलिस केंद्र के 100 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हुए. इस मॉक ड्रिल ने धनबाद पुलिस की पोल खोलकर रख दी. ईश्वर ना करें पर यदि धनबाद मे कोई बड़ा दंगा या इमरजेंसी हालात में भीड़ को हटाने की आवश्यकता पड़े तो धनबाद पुलिस के लिए बड़ा कठिन भरा काम होगा.

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